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चीनी मिले जबरदस्ती सीओ 0238, सीओ 0118 जैसी गन्ना प्रभेदों की बुआई करवा रही है, इस पर अविलंब रोक लगनी चाहिए – बीरेन्द्र गुप्ता

प्रियांशु कुमार समस्तीपुर बिहार

*#बिहार की गन्ने की जो उन्नत वैरायटी है राजेन्द्र 1-2-3-4 जो ज्यादा चीनी रिकवरी भी देती है और उसकी उत्पादकता भी ज्यादा है, गन्ने की इन प्रभेदों को बिहार सरकार अनुशंसित करें।*

बिहार राज्य गन्ना उत्पादक किसान महासभा के राज्य अध्यक्ष सह भाकपा-माले के सिकटा विधायक वीरेंद्र गुप्ता शुक्रवार को ईख अनुसंधान संस्थान, पूसा में ये जानने के लिए पहुंचे कि पश्चिम चंपारण समेत पूरे बिहार में इस साल लाखों एकड़ गन्ना के फसल के नुकसान होने के क्या कारण हैं।
इसके लिए उन्होंने ईख अनुसंधान संस्थान के निदेशक डाॅ. अनिल कुमार सिंह समेत सभी वैज्ञानिकों व कर्मचारियों के साथ बैठक के माध्यम से विस्तृत जानकारी ली। जानकारी लेने व ईख अनुसंधान संस्थान के प्रांगण में विभिन्न गन्नों की प्रजाति का अवलोकन करने के बाद संवाददाताओं से बातचीत की। संवाददाताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सीओ 0238 व सीओ 0118 जैसी गन्ना की वैरायटी है जो कोयम्बतूर की वैरायटी है। बिहार के वैज्ञानिकों ने इसे अनुशंसित भी नहीं किया है इसको चीनी मिलो के दबाव में अधिक चीनी रिकवरी के नाम पर गन्ना किसानों को रोपने के लिए बाध्य कर दिया गया और नतीजा के तौर पर बिहार में लाखों एकड़ गन्ना की फसल नष्ट हुई है। किसानों को सरकार ने किसी भी प्रकार से भरपाई नहीं की है। ऑनलाइन आवेदन के नाम पर किसानों को जानबूझकर लंबे समय तक टाला जाता रहा है। सूखे हुए गन्नों को किसानों ने काटकर रबी फसल की बुआई कर दी है तो इसके वेरिफिकेशन में भी दिक्कत है। इस तरह से बिहार की सरकार गन्ना उद्योगों को खत्म कर रही है। लाखों गन्ना किसान तबाह हुए हैं। इसका एक कारण ये है कि चीनी मिले जबरदस्ती सीओ 0238, सीओ 0118 जैसी गन्ना प्रभेदों की बुआई करवा रही है, इस पर अविलंब रोक लगनी चाहिए। बिहार की गन्ने की जो उन्नत वैरायटी है राजेन्द्र 1-2-3-4 जो ज्यादा चीनी रिकवरी भी देती है और उसकी उत्पादकता भी ज्यादा है। गन्ने की इन प्रभेदों को बिहार सरकार अनुशंसित करें। चीनी मिलो के दबाव में बिहार सरकार काम करना बंद करे। गन्ना किसानों को सरकार राहत दे और मरता हुआ जो चीनी उद्योग है उसे जीवंत बनाने का काम सरकार करें।
आगे श्री गुप्ता ने कहा कि वैसे ही बिहार में नगदी फसलें कम होती जा रही हैं जूट उद्योग से लेकर गन्ना उद्योग जो भी नगदी फसलें थी उसमें लगातार गिरावट आई है। यदि नगद फसल को बचाना है गन्ना उद्योग का आगे बढ़ाना है तो इसके लिए जरूरी है सरकार बिहार के जो अनुशंसित प्रभेद है उसे बढ़ावा दे और जो बाहर के प्रभेद है उस पर सरकार रोक लगावे। मौके पर भाकपा-माले प्रखंड सचिव अमित कुमार भी मौजूद थे।

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