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बिहारसमस्तीपुर

खाद किल्लत के खिलाफ किसान महासभा ने किया नेशनल हाईवे जाम

*भंग बाजार समितियों को पुनर्बहाल करे नीतीश सरकार- सुरेन्द्र*

*खानपुर के कुणाल सहनी को गोली मारने वाले पुलिस पर एफआईआर दर्ज हो-माले*

*प्रखण्ड को आबंटित खाद अन्य जिला के माफिया के हाथों बेचे जाने की जांच व कारबाई हो- आसिफ होदा*

डीएपी, पोटाश, एनपीके, यूरिया समेत अन्य खाद की कालाबाजारी पर रोक लगाने की मांग को लेकर किसानों ने एनएच का चक्का जाम कर प्रशासन एवं सरकार के किसान विरोधी रवैया का विरोध किया.
अखिल भारतीय किसान महासभा से जुड़े बड़ी संख्या में किसानों ने गांधी चौक के पास एकत्रित होकर अपने- अपने हाथों में मांगों से संबंधित नारे लिखे तख्तियां लेकर जुलूस निकाला. जुलूस नारे लगाते हुए बाजार क्षेत्र का भ्रमण करने के बाद गांधी चौक स्थित नेशनल हाईवे-28 को जाम कर दिया. जाम से सड़क के दोनों ओर गाड़ियों का तांता लग गया.
जाम स्थल पर सभा का आयोजन किया गया. सभा की राजदेव प्रसाद सिंह ने किया. आसिफ होदा, नौशाद तौहीदी, मो० अबुबकर, शंकर सिंह, मनोज कुमार सिंह, बासुदेव राय, ललन दास, श्याम दास, जवाहर सिंह, बखेरी सिंह, मकसुदन सिंह, कैलाश सिंह, मो० गुलाब, उपेंद्र शर्मा, रामसकल राय, अबदूल रहमान, मो० सज्जाद आदि ने सभा को संबोधित किया.
भाकपा माले प्रखण्ड सचिव सुरेन्द्र प्रसाद सिंह ने कहा कि प्रखण्ड में 16 नवंबर को 40 टन एवं 3 दिसंबर को 65 टन डीएपी प्रखण्ड को आबंटित किया गया है. अधिक पैसा लेकर प्रखण्ड के बाहर के किसानों को खाद दिया जा रहा है लेकिन प्रखण्ड के किसान खाद के बगैर परेशान हैं. डीएपी, पोटाश, एनपीके, यूरिया समेत अन्य रासायनिक खाद का भयंकर कालाबाजारी जारी है. मोदी सरकार जो कृषि कानून 2020 में लेकर आई, नीतीश सरकार 2006 में वहीं कानून लाकर बाजार समितियों को भंग कर किसानों के रही- सही कमर तोड़ दी है. धान-गेहूं सरकार खरीदने का ढ़ोंग रचती है लेकिन अनाज में नमी सीमा एवं खाता- खेसरा की अनिवार्यता लागू कर खरीदने से इनकार कर देती है. ऐसे में किसान विरोधी नीतीश एवं मोदी सरकार के खिलाफ संघर्ष ही एक मात्र रास्ता है और किसान महासभा किसानों को गोलबंद संघर्ष का रास्ता अख्तियार करेगी. माले नेता ने कहा कि प्रखण्ड को आबंटित खाद अन्य जिलों के खाद माफिया के हाथों उंचे दर पर बेच दिया जाता है और यहाँ के किसान खाद के इंतजार में टकटकी लगाये रह जाते हैं. उन्होंने कृषि अधिकारी एवं प्रखण्ड विकास पदाधिकारी को चेतावनी देते हुए कहा कि खाद संकट का हल 4-5 दिनों के अंदर नहीं किया गया तो अनिश्चित काल के लिए नेशनल हाईवे जाम आंदोलन चलाया जाएगा ।

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