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बिहारसमस्तीपुर

रक्षा बंधन को लेकर पबजी वाला भाई से लेकर व्हाट्सएप राखी से पटा बाजार

प्रियांशु कुमार समस्तीपुर बिहार/Etv News 24

समस्तीपुर सहित पुरे देश में भाई-बहन के अटूट प्यार का पर्व रक्षाबंधन इस बार 22 अगस्त को मनाया जाएगा। रक्षाबंधन के दो दिन ही शेष रहने के कारण बाजार पूरी तरह गुलजार हो गया है। ग्राहक सस्ती राखियों की अपेक्षा ब्रांडेड कंपनियों की राखियां ज्यादा पसंद कर रहे हैं। बच्चों के कार्टून कैरेक्टर के अलावा कई अन्य प्रकार की भी राखियां बाजार में उपलब्ध है। जिसमें सबसे बेहतर और आकर्षित दिखने में है पबजी वाली राखियां। जिस पर अंकित किया गया है पबजी वाला भाई। जिसे देखकर बच्चों से बड़े तक आकर्षित हो रहे हैं। दुकानों पर दस रुपये से लेकर पांच सौ रुपये प्रति पीस की राखियां बिक रही हैं। शहर के रामबाबू चौक, बाबा थानेश्वरनाथ मंदिर, गुदरी बाजार, मारबाड़ी बाजार सहित कई प्रमुख बाजारों में राखी के स्टाल बहनों को अपनी तरफ आकर्षित कर रही है। राखियों की खरीदारी भी शुरू हो चुकी है। वहीं बच्चे के लिए डोरेमोन, एंग्री बर्ड, मोटू पतलू, बेन 10, एवेंजर, किटकैट, वाट्सएप, फेसबुक, ट्िवटर, छोटा भीम वाली राखी उपलब्ध है। गोलारोड स्थित राखी विक्रेता मो. नदीम ने बताया कि इस बार बाजार में 25 से अधिक वैरायटी की राखियां उपलब्ध हैं। जो 10 रुपये से 500 रुपये तक की दर में उपलब्ध है। इस बार बहनें मोती, सितारा से बनी हुई, स्पार्कल वाली राखियां ज्यादा खरीद रहीं हैं, जबकि छोटे बच्चों की पहली पसंद डोरेमोन, छोटा भीम, स्पाइडरमैन, बेन 10, व्हाट्सएप वाली राखियां खरीद रही है। कुछ लोग तुलसी और रुद्राक्ष जड़ित राखियां भी ले रही हैं।रक्षाबंधन पर चढ़ा है देशप्रेम का रंग : भाई-बहन के असीम प्यार को कच्चे धागों में पिरो कर अटूट रिश्ते के साक्षी रहे रक्षाबंधन के त्योहार के लिए बाजार सजकर पूरी तरह तैयार हैं। इस बार इस त्योहार पर देशप्रेम का भी रंग चढ़ा है। यही कारण है कि बाजार में सजी राखियों की दुकानों से चीनी राखियां लगभग गायब हैं। यदि किसी दुकानों में लगी भी हैं तो बहनें उसे खरीदना पसंद नहीं कर रहीं है। इस बार बाजार में सिर्फ स्वदेशी राखियां ही नजर आ रही हैं। पूर्व के कई वर्षों से बाजार में चायनीज राखियां का दबदबा था। करीबन 70 फीसद चाइनीज राखियां बेची जाती थी। बच्चों के लिए लाइट व म्यूजिक वाली कार्टून राखी से लेकर बड़ों के लिए स्टोन व पर्ल राखी सबकुछ चीन से आती थी और सिर्फ उसमें डोरी लगाने व पैकिग का कार्य देश के अलग-अलग शहरों में होता था। बताया जाता है कि इस बार किसी भी थोक कारोबारी ने स्वदेशी की चाह में चाइनीज राखी नहीं मंगवाई है।गिफ्ट आईटम समेत कपड़े की दुकान पर भीड़ : रक्षाबंधन को लेकर गिफ्ट आईटम समेत कपड़े की दुकान पर भीड़ लगी हुई है। बहन को रक्षाबंधन के बाद देने को लेकर भाई भी पूरी तैयारी कर रहे है। मनपसंद गिफ्ट को लेकर कपड़े की दुकान पर बहन के साथ पहुंच रहे है। रेडिमेड कपड़े के दुकानदार मो. रज्जाक ने बताया कि रक्षाबंधन को लेकर कपड़े की भी खरीदारी की जा रही है। कोरोना काल के बाद कपड़े मंडी में रौनकता आ गई है। उम्मीद की जा रही है कि आगे भी कपड़ों की जमकर बिक्री होगी।

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