बिक्रमगंज रोहतास वर्तमान समय में आई आंधी और बारिश से सब्जियों की फसल पर नुकसान हुआ है । लता वाले फसल में पानी की अधिकता होने से सूखने लगते हैं तथा इसमें कीट मकोड़ों का प्रभाव बढ़ जाता है। जिससे यह पौधों के फलों को नुकसान पहुंचाते हैं। पौधों में फंगस लग जाता है जिस वजह से पौधे मरने लगते हैं। इसके बचाव हेतु बारिश के दो-तीन दिन बाद जड़ों को निराई गुड़ाई करके पानी को हटा देना चाहिए। लता वाले पौधों में फफंदनाशक (मैनकोजेब) 2 ग्राम प्रति लीटर एवं क्लोरोपाईरिफॉस 2 मिली प्रति लीटर के हिसाब से धूप निकलने पर छिड़काव करना उचित रहता है । आम, लीची तथा अमरूद के फसल में वर्तमान समय में आई आंधी एवं बारिश से फल समय से पूर्व ही झड़ गये होंगे। किसानों को आर्थिक रूप से क्षति पहुंचती है। वर्तमान समय में आई बारिश से फलों में कीड़े का प्रकोप बढ़ जायेंगे। फल छेदक लगने की संभावना अधिक हो गयी है। इसके लिए फलों मे इमिडाक्लोप्रिड 1ml प्रति लीटर के हिसाब से धूप निकलने पर छिड़काव कर देना लाभप्रद रहता है। पकने की अवस्था वाले फलों में किसी भी प्रकार का कीटनाशक का छिड़काव नहीं करना चाहिए। फंगस का प्रकोप ना हो इसके लिए मेनकोजेब 2ml प्रति लीटर का छिड़काव लाभप्रद रहेगा ।अभी गरमा फसल मूंग और उड़द किसानों के खेत में लगा हुआ है । लेकिन जो तीन-चार दिन से लगातार बारिश हो रही है जिससे मूंग और उड़द के फसलों को नुकसान हो रहा है।फसल के पकने का समय हो गया है और ऐसी स्थिति में बारिश होना फसल के लिए नुकसानदायक होता है। जिस खेत में हम फसल लगाएं हैं जल्द से जल्द उस खेत से जल निकासी की व्यवस्था करें । अगर पानी 1 दिन भी लगा रह गया तो फसल को नुकसान हो जाएगा । बारिश से उत्पादन पर प्रतिकूल असर होगा। आगे वाले दिनों के लिए धान के फसल के लिए खेत तैयार कर सकते हैं । नर्सरी लगा सकते हैं ताकि बारिश के पानी का सही उपयोग हो सके और जिन किसानों के यहां मूंग और उड़द लगा हुआ है । वह कोशिश करें कि जल्द से जल्द फसल की कटाई करने ताकि बारिश का पानी फसल को और नुकसान नहीं पहुंचा सके । इसकी जानकारी कृषि वैज्ञानिक डॉ रतन ने दी