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होम्योपैथिक दवाइयों का भी ले सकते हैं कोविड में सहारा: डॉ वीरेंद्र नाथ मौर्या

सकारात्मक सोच से शरीर को मिलती है ऊर्जा

कोरोना से बचाव के लिए सरकारी निर्देशों का पालन अवश्य करें

सासाराम संदीप भेलारी

रोहतास “कोरोना की दूसरी लहर ने लोगों के मन में डर एवं दशहत पैदा कर दिया है । इन परिस्थितियों में लोगों में अपनी एवं अपनों की सेहत की चिंता है कि कहीं मैं बीमार ना हो जाऊं। बीमार हो गया तो दवा कैसे मिलेगी। बेड कैसे मिलेगा। ऑक्सीजन कैसे मिलेगा। कहीं मैं मर नहीं जाऊं। मेरे परिवार के साथ कोई अनहोनी ना हो जाए। व्यापार के नुकसान की चिंता एवं भविष्य की चिंता सता रही है। यह रोग कब तक चलेगा इस विचार ने लोगों की चिंता को और बढ़ा दी है। वृद्ध गंभीर रोगों से बीमार एवं कमजोर अपने स्वास्थ्य और भविष्य को लेकर ज्यादा चिंतित हैं तो वहीं युवा पीढ़ी भी इसकी गिरफ्त में आ रहे हैं। गले में जरा सी खराश, आँख लाल, शरीर में दर्द, खांसी बुखार होने पर उसे बेवजह कोरोना से जोड़ने लगते हैं। यदि आपके व्यवहार में इस प्रकार के परिवर्तन हो रहे हैं तो घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि इन पर नियंत्रण संभव है”. यह कहना है आयुष मेडिकल एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष सह सासाराम प्रखण्ड स्थित रकसिया गांव के वरिष्ठ आयुष चिकित्सक डॉ वीरेंद्र नाथ मौर्य का।

नकारात्मक विचार को न होने दें हावी

डॉ वीरेंद्र नाथ मौर्य ने कहा अपने ऊपर नकारात्मक विचार नहीं हावी होने दे। सकारात्मक विचार से शरीर को ऊर्जा मिलती है और यह ऊर्जा रोगों से लडने में सहायक सिद्ध होती है। अपनी भावनाओं को लोगों से साझा (शेयर) करें। खुद समझें एवं लोगों को समझाएं। उन्होंने कहा सकारात्मक विचारों वाली पुस्तक पढ़ें । फोन पर अपनों का हालचाल लें और अपना दें । परिवारजनों के साथ बातचीत करें। अकेलापन का अनुभव नहीं होने दें । नियमित रूप से योग, प्राणायाम एवं ध्यान (मेडिटेशन) करते रहें । घर की छत पर टहलें एवं पर्याप्त नींद लें। तनाव में धूम्रपान एवं नशे की दवाइयों का सेवन किसी भी हालत में नहीं करें। यदि आप थोड़ी सी सावधानी बरतेंगे तो यह समस्या आसानी से सुलझ जाएगी।

कोविड का लक्षण दिखने पर इन दवाओं का किया जा सकता है इस्तेमाल

डॉ मौर्या ने बताया कोरोना संक्रमण का सबसे ज्यादा असर हमारे फेफड़े और श्वसन तंत्र पर हो रहा है। ऐसे में इस महामारी में होम्योपैथी की दवाइयां भी कारगर हैं । फेफड़ों की मजबूती के लिए होम्योपैथी की जस्टिसिया क्यू और सनेगा क्यू को आप 10-10 बूंद सुबह, दोपहर और शाम तीन टाइम लेते हैं तो यह कफ जमने से बचाएगा। साथ ही एंटीम टार्ट 30 को चार चार बूंद दिन में तीन बार लें। यदि इन तीन दवाइयों को लेते हैं तो लंग्स में कफ जमने की समस्या न के बराबर होगी और लंग्स को मजबूती मिलेगी। जिन्हें सांस लेने में परेशानी हो रही हो और ऑक्सीजन लेवल गिर रहा हो उस स्थिति में एस्पीडोस्पर्मा क्यू दवाइयां दस दस बूंद दिन में तीन बार लें। इसे सांकेतिक तौर पर होम्योपैथी का ऑक्सीजन भी कहते हैं। इसके साथ कार्बो वेज 30 की चार- चार बूंद दिन में तीन बार लेते हैं तो यह बॉडी में ऑक्सीजन के लेवल को गिरने नहीं देता है। यदि बुखार कम ना हो रहा हो तो होम्योपैथी का फीवरेक्स सिरप दो दो चम्मच तीन से चार बार लें । साथ ही बैपटईसिया क्यू , जलसेमियम कयू, चाइना कयू मिलाकर 20- 20 बूंद तीन बार लें तो यह बुखार से राहत दिलाने में काफी कारगर साबित होगी। इसके अलावा बदन दर्द के लिए रसटकस 200, ऑप्टोरियम पर्फ 200, ब्रायोनिया 200 तीन दवा के मिक्सचर को चार-चार बूंद तीन बार लेने से बदन दर्द से राहत मिलती है। साथ ही कोविड संक्रमित लोगों में वीकनेस अर्थात कमजोरी की समस्या देखने को मिल रही है। इसके लिए अल्फा -अल्फा क्यू और चाइना क्यू की 10-10 बूंद तीन बार लेने से कमजोरी और थकान से राहत मिलेगी। डॉ मोर्या ने कहा कि इन दवाइयों का इस्तेमाल लक्षणों के आधार पर नजदीकी होम्योपैथी चिकित्सक की सलाह के अनुसार लें तो और बेहतर होगा

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