प्रियांशु कुमार समस्तीपुर बिहार
पीड़ितों की सेवा में लगे लोगों पर एफआईआर एवं गिरफ्तारी से लोकतंत्र एवं मानवता हो रहा कलंकित- ऐपवा
जिस तरह से भाजपा के ईशारे पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लोकतंत्र एवं लाखों लोगों के जनभावना को कुचलते हुए कोरोना पीड़ितों की सहायता में लगे पप्पू यादव को गिरफ्तार किया, यह सरकार का तानाशाही भरा कदम के साथ ऐंबुलेंस घोटाला उजागर करने को लेकर बदले की भावना से की गई कारबाई है. जेल भेजा जाना चाहिए छपरा में अपने आवास पर ऐंबुलेंस छुपाकर रखने वाले भाजपा सासंद राजीव प्रताप रूडी को लेकिन नीतीश कुमार ने जेल भेज दिया कोरोना पीड़ित की सेवा में तत्पर पप्पू यादव को. उक्त आशय का प्रेस विज्ञप्ति जारी कर मंगलवार को ऐपवा जिलाध्यक्ष सह माले नेत्री बंदना सिंह ने कहा कि सरकार जितनी तत्परता एफआईआर करने एवं पप्पू यादव की गिरफ्तारी में दिखाई अगर उतनी तत्परता आक्सीजन, वेंटिलेटर, बेड, दवाई आदि की व्यवस्था करने में दिखाती तो आज हजारों लोग कोरोना से अकाल काल कवलित नहीं हुए होते.
महिला नेत्री श्रीमती सिंह ने कहा कि इस कोरोना संकट में सरकारी व्यवस्था नाकाफी है. बंडी संख्या में सामाजिक, राजनीतिक एवं अन्य लोग कोरोना पीड़ितों की मदद करने में लगे हुए हैं. उन्हें सम्मानित करने की जरूरत है लेकिन तानाशाही सरकार को वे आंख में चुभते नजर आते हैं. ऐसी सरकार को ऐपवा धिक्कार और लानत भेजती है.
श्रीमती बंदना सिंह ने इस गिरफ्तारी की पूरजोर निन्दा करते हुए अविलंब पप्पू यादव को रिहा करने एवं ऐंबुलेंस छुपाकर रखने वाले छपरा के भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूडी पर एफआईआर दर्ज करते हुए गिरफ्तार कर जेल भेजने की मांग की है.