3 किलोमीटर की पैदल चढ़ाई कर पहुचना पड़ता है गाँव में
राज्य व जिला स्वास्थ्य विभाग से दोनों हो चुकी हैं पुरस्कृत
सासाराम संदीप भेलारी
सासाराम जब हम अपने सामाजिक कर्तव्यों का निर्वहन ईमानदारी एवं निष्ठापूर्वक करते हैं तो उस दौरान आने वाली कोई भी समस्या उस कार्य को पूरा करने में बाधा उत्पन्न नहीं करती है. कुछ ऐसे ही कर्तव्यों की मिसाल पेश कर रही हैं रोहतास जिला अंतर्गत चेनारी सीएचसी में एएनएम के पद पर कार्यरत ममता कुमारी एवं कुमारी पुष्प लता।
बता दें कि चेनारी प्रखंड में कुछ गांव ऐसे भी हैं जो पहाड़ों पर स्थित है जहां जाने के लिए कोई साधन नही है. वहां पैदल ही जाना पड़ता है। ममता कुमारी एवं कुमारी पुष्प लता ने बताया चेनारी प्रखंड अंतर्गत उगहनी पंचायत के भूड़कूड़ा, उरदगा एवं औराई गांव पहुंचने के लिए 2 से 3 किलोमीटर तक पहाड़ पर पैदल चढ़ाई करनी पड़ती है। उसके बाद वहां से 3 से 4 किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ता है तब जाकर वे लोग गांव पहुंचते हैं। गांव में जाकर लोगों को टीकाकरण या अन्य स्वास्थ्य संबंधी सुविधाएं एवं जानकारियां लोगों तक पहुँचाती हैं। उन लोगों ने बताया उक्त गांव में पहुंचने के लिए सुबह 5 बजे ही उन्हें अपना घर छोड़ना पड़ता है तब जाकर वहां पहुंचती हैं। पोलियो टीकाकरण अभियान हो या नसबंदी अभियान या अन्य कोई स्वास्थ्य से जुड़ा अभियान हो पहाड़ पर बसे उक्त गाँव मे अभियान को सफल बनाने में ममता कुमारी एवं कुमारी पुष्प लता निरंतर अहम योगदान निभाती आ रही हैं
कोरोना काल मे रही थी अहम भूमिका
वैसे तो कोरोना काल में स्वास्थ्यकर्मियों की भूमिका काफी सराहनीय रही है, परंतु चेनारी सीएचसी में एएनएम के पद पर कार्यरत ममता कुमारी एवं कुमारी पुष्प लता का योगदान विशेष सराहनीय रहा है। दोपहर के समय 3 किलोमीटर तक पहाड़ की चढ़ाई करना एवं पुनः 3 से 4 किलोमीटर पैदल दूरी तय करके भुड़कुड़ा, उरदगा एवं औराई गांव पहुंचकर लोगों की संक्रमण की जांच से लेकर उससे संबंधित स्वास्थ्य सुविधाओं को गांव के लोगों तक पहुँचाना इतना आसान नहीं था. लेकिन दोनों की अपने कर्तव्य के प्रति निष्ठा एवं सेवा भाव इस मुश्किल चुनौती को आसान बना रही है
लोगों की जरूरत को देख मिलता है हौसला
ममता कुमारी एवं कुमारी पुष्प लता बताती कहती हैं- कभी-कभी ऐसा मन होता था हम लोग उक्त गांव में ना जाएं, परंतु गांव के लोगों की लाचारी और जरूरतों को देखकर पहाड़ की चढ़ाई भूल जाते हैं। लोगों के बीच पहुंचकर उन्हें सेवा देने के बाद भीतर से भी अच्छा महसूस होता है. चुनौतियों को स्वीकार कर कार्य करने की कोशिश से नयी शक्ति भी मिलती है. स्वास्थ संबंधी कार्यों को एवं सुविधाओं को उनको पहुँचाते हैं। दोनों उन्होंने बताया बताया हम लोग अपने कार्यों को बखूबी अंजाम देते हैं। गांव के लोगों का दुख अपना दुख समझ कर उसे दूर करने की कोशिश करते हैं। यही वजह है कि इतना मुश्किल कार्य भी आसान लगता है
बेहतर कार्यों के लिए हो चुकी हैं पुरस्कृत
पैदल पहाड़ की चढ़ाई चढ़कर गांव तक पहुंच कर लोगों को स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने को लेकर स्वास्थ्य कर्मी ममता कुमारी एवं कुमारी पुष्प लता को उनके बेहतर कार्य के लिए जिला एवं राज्य स्तर पर सम्मानित भी किया जा चुका है। उनका कहना है कि विभाग द्वारा उन्हें सम्मानित किए जाने पर उन्हें खुशी मिलती है और साथ ही नई उर्जा भी प्राप्त होती है