प्रियांशु कुमार समस्तीपुर बिहार
माले विधायक अजीत कुशवाहा ने विधानसभा में मामले को उठाकर कारबाई की मांग की
जाति,सांप्रदाय सूचक महिलाओं को अपमानित करने वाला भड़काऊ एवं अश्लील गीत को बैन एवं गायक पर एफआईआर करने को लेकर ताजपुर- समस्तीपुर में जारी ऐपवा, इंसाफ मंच,जसम एवं माले के आंदोलन की आवाज गुरूवार को विधानसभा में गुंजा. विधानसभा सत्र के दौरान शून्य काल में यह सवाल माले विधायक अजीत कुशवाहा ने जोरदार तरीके से उठाकर सांप्रदायिक, भड़काऊ एवं अश्लील गीतों को बैन करने एवं गायक पर कारबाई करने की मांग सरकार से किया. उन्होंने सदन में सरकार से मांग किया कि जाति और धर्म के नाम पर भोजपुरी समेत अन्य भाषाओं में गीतों में अश्लीलता परोसी जा रही है. इससे सामाजिक सद्भाव खराब हो रहा है.
अतः सरकार ऐसे गीतों पर अविलंब प्रतिबंध लगाकर ऐसे गीतों को बनाने और गाने वालो पर कठोर कार्रवाई की जाए.
विदित मुस्लिम, चमार, नुनिया, मल्लाह, माली, ग्वाला, तुरहा आदि समुदाय के बहन-बेटियों को सुपरहिट एवं झकास माल बताकर भोजपुरी गायक अजीत बिहारी ने दो-तीन गीतों में अश्लीलता परोसा था. इससे सामाजिक सद्भाव बिगड़ रहा था. इसे लेकर बुधवार को दर्जन भर युवक ने माले नेता सुरेन्द्र प्रसाद सिंह के नेतृत्व में थाने पर लिखित आवेदन देकर एफआईआर कराने की कोशिश किया था लेकिन थानेदार एफआईआर करने से इनकार कर गये. इसके बाद भाकपा माले मिथिलांचल प्रभारी धीरेन्द्र झा को वस्तुस्थिति की जानकारी देकर मामले को विधानसभा में उठाने का आग्रह किया. तत्पश्चात मामले की गंभीरता को देखते हुए माले विधायक अजीत कुशवाहा ने मामले को सदन में उठाकर कारबाई की मांग की.
ऐपवा जिलाध्यक्ष बंदना सिंह ने कहा कि महिला संगठन ऐपवा महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान के प्रति गंभीर है. महिला- बहन- बेटियों के खिलाफ अश्लीलता किसी भी भाषा में परोसा जाए, बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
उन्होंने कहा है कि विधानसभा में मुद्दा उठने के बाद मसले का समाधान होने की संभावना है. राज्य की नीतीश एवं केंद्र की मोदी सरकार उपभोक्तावादी संस्कृति को बढ़ावा दे रही है. पैतृसत्तात्कमक समाज महिलाओं हमला करते रहते है और सरकार चुप बैठी रहती है. इसे लेकर ऐपवा का अभियान जारी रहेगा.