संवाददाता तिलौथू प्रीती कुमारी
प्राचीन समय में ज़िन्दगी जीना जितना ही सरल और आसान था आज उतना ही इस मॉडर्न ज़माने में ज़िन्दगी उलझती ही जाती है
आज आपको बता दे की सरकार ने अभी जगहों पर ५०% लड़कियों को छूट देने के बावजूद भी आत्मनिर्भर् नहीं बन पा रही है क्योकि हर जगह जगह पर उनका सामना कहीं न् कहीं खतरनाक लोगों से होता है जिसको सामना करना एक चाह और सपना ही बन कर रह जाते हैं आज लड़कियों के साथ छेड़खानी तो रेप जैसे मामले प्रकाश में आता है जिसे लोग सुनकर भी अनदेखा कर देते हैं बाद में लोग कोसने लगते हैं यही कारण है कि आज कितनी सारी लड़किया खुल कर अपनी ज़िन्दगी नहीं जीती और न् ही अपने बातों को दूसरों के सामने रख पाती है आज कहने को तो लोग बहुत कुछ कह देते हैं कि लड़किया आज कदम से कदम मिलाकर् चल रही है किंतु क्या आज उनकी समस्या को कोई भी समझा है या उसके दुःखो को देखा है आज इतना कोशिश की बावजूद भी आत्मनिर्भर् नहीं बन पा रही है क्योकिं जहां आज भारत देश को नारियो का पवित्र और सम्मान दिया जाता है आज उन्हीं पर बहुत ही बेरहमी से जुल्म किया जाता है आज ऐसे कितने जगह है जहां लड़कियों को बिना किसी के अनुमति के घर से निकलना तक बंद है आखिर ये सब लड़कियों को ही क्यों सहना और झेलना पड़ता है आज हमारा कहना है कि आज अगर अपने कदमो पर खड़े होते हैं लोग आज हज़ारों की संख्या में एक से तो क्या हज़ारों से लड़ सकते हैं मगर हां ये भी सच्चाई है कि खुद पर पहले चलने और आत्मविश्वश् होना चाहिए कि हम इस काम को पूर्ण कर सकते हैं