प्रियांशु कुमार समस्तीपुर बिहार
भाकपा माले के पोलिट ब्यूरो सदस्य सह केंद्रीय कार्यालय प्रभारी प्रभात कुमार चौधरी ने रविवार को समस्तीपुर के कल्याणपुर में महागठबंधन के माले उम्मीदवार रंजीत राम के चुनाव चिन्ह झंडे पर तीन तारा के जनसंपर्क अभियान के दौरान कहा कि भाकपा माले बिहार ही नहीं पूरे देश में मुद्दे की राजनीति को लेकर चम्पीयन रही है. समय- समय पर शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ, आवास, समान काम के बदले समान वेतन, महिला उत्पीड़न, किसानों का कर्ज माफी, न्यूनतम समर्थन मूल्य, फसल खरीद की गारंटी, आरक्षण, निजीकरण, कल्याणकारी एवं विकास योजना को पारदर्शी तरीके से लागू करने जैसे मुद्दे को लेकर बिहार में हजारों- हजार धरना, प्रदर्शन आदि आंदोलनों को आयाम देने की कोशिश की. इसमें लाखों-लाख लोगों की भागीदारी होती रही, इसके साथ ही मोदी सरकार के सत्ता में आते ही नफरत की राजनीति के खिलाफ लोकतंत्र, संविधान, लोगों के अधिकार को बचाने की लड़ाई तेज कर बिहार वासियों को अपनी तरफ मोड़ने की कोशिश माले करती रही. वर्तमान बिहार विधानसभा में माले के मात्र तीन विधायक जनता के सवाल पर सदन के अंदर एवं बाहर जनहित की मांग को मजबूती से उठाकर जनता को अपनी ओर आकर्षित करते रहे. छात्र, नौजवान, किसान, मजदूर, महिला, कर्मचारी, बुद्धिजीवी आदि के सवालों को भी आंदोलन के मुख्य धारा में शामिल करती रही. यही कुछेक कारण से माले का जनता में जनाधार बढ़ता चला गया.
केंद्र और राज्य सरकार की दमनकारी नीतियों के खिलाफ वाम दलों के साथ-साथ दूसरे दलों से भी आंदोलनात्मक इंटरेक्शन बढ़ता चला गया. इसी वजह से विधानसभा चुनाव में महागठबंधन में माले को शामिल किया गया. माले समेत अन्य वामदलों के महागठबंधन में शामिल होने के मायने है मुद्दे का विस्तारीकरण. महागठबंधन के सबसे बड़े घटक राजद को भी लगने लगा था कि अब मुद्दे की राजनीति को ही आगे बढ़ाया जाना चाहिए. रोजगार को लेकर संघर्ष में कुछ दूरी तय करने के बाद लगा कि वे मुद्दे की ही राजनीति है जो महागठबंधन को सत्ता तक पहुंचा सकती है. बनने पर तेज प्रताप का 10 लाख युवाओं को पहली ही कैबिनेट की बैठक में नौकरी देने की घोषणा को युवाओं ने हाथों-हाथ ले लिया और महागठबंधन को अपार समर्थन मिलने लगी. निश्चित तौर पर यह रास्ता सत्ता तक जाएगी।