★आखिरकार कब कुंभकर्णी नींद से जागेगा प्रशासन, जो होगी नरही पंचायत की जांच
★क्या प्रधान सरवन राठौर की ऊंची पहुंच के आगे नतमस्तक हुआ प्रशासन
सीतापुर।भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी जहां भ्रष्टाचार को लेकर मुहिम चला रहे हैं कि भ्रष्टाचार हुआ तो सजा भी तय,वहीं शासन के दावों की पोल पट्टी खुलती हुई नजर आ रही है क्योंकि दावे हवा-हवाई ही देखे जा रहे हैं। धरातल पर इसका अस्तित्व नजर नहीं आ रहा है। बताते चलें कि विकासखंड खैराबाद में नरही ग्राम पंचायत में हुए भ्रष्टाचार पर अभी तक कार्रवाई न हो पाना इसकी बानगी कहा जा सकता है। क्योंकि अगर शासन की भ्रष्टाचार नीति में दम है तो फिर भ्रष्टाचार करने वाले क्यों बेदम नजर नहीं आ रहे हैं बल्कि लाखों का भ्रष्टाचार करने के बावजूद भी अपने पदों पर अभी तक काबिज हैं और कोई भी कार्यवाही नहीं हो सकी है जो एक शासन की नीतियों पर सवाल खड़े कर रहा है बताते चलें कि ग्राम पंचायत नरही में बड़ा भ्रष्टाचार सामने आ रहा है जिस के संकेत भी मिले हैं लेकिन उसके बावजूद भी अब तक ग्राम पंचायत नरही में ना तो विकासखंड स्तर से कोई कार्यवाही देखी गई और ना ही प्रशासन स्तर से जिले से कोई कार्यवाही की गई जो इस बात का संकेत कहा जा सकता है कि शायद इस भ्रष्टाचार पर कोई कार्यवाही करना ही नहीं चाहता बताते चलें कि लाखों का भ्रष्टाचार किया गया है जिसमें ग्राम पंचायत प्रधान सरवन राठौर और ग्राम पंचायत सचिव टीए सहित अधिकारियों ने बंदरबांट किया है अगर इस बंदरबांट की जांच कराई जाए तो घोटाला होने के जो संकेत मिल रहे हैं वह साफ हो जाएंगे की बड़ी कार्रवाई होनी चाहिए लेकिन अभी तक कार्रवाई न होना प्रशासन पर सवाल खड़े कर रहा है आखिरकार नरही ग्राम पंचायत में जिस तरीके से चर्चाएं चल रही थी कि ग्राम पंचायत प्रधान की सत्ता पक्ष तक पहुंचे और अपनी ऊंची पहुंच के बल पर इतना भ्रष्टाचार उनके द्वारा किया गया है। सवाल अब भी वही है ज्यों का त्यों क्या खैराबाद की ग्राम पंचायत नरही पर भ्रष्टाचार के विरुद्ध कोई कार्यवाही हो पाएगी? क्या इस ग्राम पंचायत में घोटाले को लेकर अधिकारियों की कुंभकर्णी नींद कभी टूटेगी? यह कहना जरा मुश्किल है लेकिन जिस तरीके से शासन के दावे हैं उस पर अगर अमल किया जाए तो खैराबाद की नरही ग्राम पंचायत पर तत्काल भ्रष्टाचार के विरुद्ध कार्यवाही कर जांच करनी चाहिए क्योंकि मामला सरकारी धन के दुरुपयोग का है।