संवाददाता-मो०शमशाद आलम
करगहर: जिउतिया व्रत को लेकर बुधवार को महिलाएं नये वस्त्र, श्रृंगार सामग्री, पूजन सामग्री आदि की खरीददारी करती देखी गयी। इसको लेकर मुख्य बाजार में चहल-पहल व फुटपाथ पर जिउतिया गुथने वाले कारीगर भी अपनी दुकानें सजाए हुए थे। महिलाएं दुकानों पर जिउतिया लेकर लाल, पीला, हरा आदि रंग के धागा में उसे गुथवाती देखी गयी। वही आभूषण की दुकान पर जिउतिया खरीदने के लिए महिलाओं की भीड़ देखी गयी। जानकारों की माने तो आश्विन कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि के दिन महिलाएं जिउतिया व्रत अपनी संतान की लंबी आयु के लिए रखती हैं। ऐसा कहा जाता है कि जो महिलाएं व्रत को रखती हैं उनके बच्चों के जीवन में सुख-शांति बनी रहती है और उन्हें संतान वियोग नहीं सहना पड़ता है। इस व्रत को निर्जला रखा जाता है। इस दिन महिलाएं पूजन कर उनकी लंबी आयु की भी कामना करती हैं। इस व्रत को करते समय सूर्योदय से पहले ही खाया-पिया जाता है। सूर्योदय के बाद पानी भी नहीं पी सकती हैं। इस व्रत में माताएं जीवित्पुत्रिका और राजा जीमूतवाहन दोनों की पूजा कर पुत्रों की लंबी आयु के लिए प्रार्थना करती हैं। अगले दिन भगवान सूर्य को अर्घ्य देने के बाद ही पारण किया जाता है। इस पर्व में मड़ुआ की रोटी, कंदा, सतपूतिया और नोनी की साग का खास महत्व है। महिलाएं 24 घंटे का निर्जला व्रत रखती हैं ।