(बादल हुसैन)
जयनगर मधुबनी,जहां एक तरफ बिहार के सीएम नीतीश बाबु विकास के दावा करते है।वही एक दुसरे को शिक्षा देने वाली शिक्षा मंदीर गुमनामी के अंधेरा में खडे है।इस महाविद्दालय से निकल कर कीतने लोग बडे से बडे पधो पर आसीन है लेकिन यह दुसरे को शिक्षा की दीप जलाने वाली मंदिर खुद रौशनी की तलास कर रही है।जब की इस महाविद्दालय परिसर में कितने नेता अभी नेता समेत बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी कीतनी जनसभाए कर चुके है। और नीतीश बाबू अपने विकास यात्रा के दौरान इस जर्जर शिक्षा मंदीर के स्वर्ग बनाने की घोषणा की थी।लेकिन आज वो शिक्षा मंदीर भूत प्रेत और सापों का बसेरा बना हुआ है।हम बात कर रहे है बिहार के मधुबनी जिले के जयनगर अनुमंडल मुख्यालय से महज़ दो किलोमीटर की दूरी पर अवस्थित एक शिक्षा मंदिर है।जो कि दल श्रृंगार बलदेव महाविद्दालय DB काँलेज के नाम से प्रसिद्ध है और यह काँलेज 1957 ई0 में स्थापित किया गया था।स्थापित होने के बाद ही अच्छी तरह से पठन पाठन और देख रेख किया गया था।क्योंकि उस समय समाज के बुद्धजीवियों के द्वारा इसे संचालित किया जाता था।उस के बाद इस काँँलेज को जब से बिहार सरकार अपने अंदर लिया तब से इसकी हालत बद से बत्तर होने लगी।आज यह स्थिति बनी हुई है कि विषैले सांप और भूत प्रेत अपना आशियाना बना चुका है।जिससे कोई भी छात्र छात्राएं क्लास करने के लिये डर से कतराते है।वही काँलेज प्रशासन इस शिक्षा मंदिर को बेहत्तर बनाने के लिये ऐडी चोटी एक कर दिया है।और बिहार सरकार को इस काँलेज की जर्जर हालत से कई बार अवगत कराया गया।फिर भी शिक्षा विभाग और सरकार पर इसका कोई असर नही पडा।जबकि यह काँलेज साल में सरकार को लाखों ररुपये की राजस्व दे रही है।बावजूद भी समसयाओ में सुधार होता नही दिख रही है।बिहार सरकार इस काँलेज के साथ सौतेला व्यवहार करती आ रही है।जबकी इस काँलेज का आमदनी का सरकार पर तीन करोड रुपये गिरावट है।बिहार के नीतीश सरकार के विफलता। से इस कालेज में पढने वाले करीब पांच। हजार छात्र छात्राओ के जिंदगी बरबाद हो रही है ।जो काँलेज के नाम पर सिर्फ खाना पूर्ति हो रही है आ सिर्फ कागजो पर चल रही है। इस संदर्भ में जब काँलेज के प्राचार्य डाँ नंद कुमार से पूछा गया तो उसने बताया कि सरकार की सारी सिस्टम फेल है।और इस काँलेज के तरफ किसी भी ध्यान नही दिया जिससे आज इसकी जर्जर हालत बनी हुई है।