विवेक कुमार यादव मुंगेर
राजद के प्रदेश महासचिव पंकज यादव,प्रदेश सचिव दिनेश कुमार व्यान जारी कर कहा की राशन कार्ड बनाने में दोहरी नीति अपना रही है बिहार सरकार
कोरोना महामारी के कारण दुसरे राज्यों में मजदूरी कर अपने परिवार का भरण-पोषण के लिए गये मजदूरों के घर वापसी होने के बाद बिहार सरकार द्वारा वैसे लोगों का राशन कार्ड बना कर राशन उपलब्ध कराने की घोषणा एक छलावा साबित हो रही है ।लाॅकडाउन के दौरान जो भी राशन कार्ड ग्रामीण क्षेत्रों में जीविका दीदी एवं शहरी क्षेत्रों में नगर निगम के हल्का कर्मचारियों द्वारा लिए गए आधार कार्ड का सर्वेक्षण कर कार्ड बनाया गया जो की लाभुक को मिला लेकिन सरकार के द्वारा किसी कारणों से छुटे गरीब परिवार को एक मौका फिर से राशन कार्ड बनाने की घोषणा किया गया है जो की एक छलावा साबित हो रहा है ।क्योंकि जब छुटे हुए लोग आर टी पी एस काउन्टर पर जब राशन कार्ड बनाने हेतु फार्म जमा करने जाते हैं तो यह कह कर वापस कर दिया जा रहा है की इस आवेदन के साथ दो हजार ग्यारह में हुए जनगणना की कापी लगाना है ,आवासीय प्रमाण पत्र एवं एक शपथ पत्र भी देना है ।राजद नेता ने सरकार एवं स्थानीय प्रशासन से आग्रह किया की जब एक ही राज्य राशन कार्ड बनाने में दो तरह का नियम क्यों जब की राशन कार्ड निर्गत करने वाले पदाधिकारी भी एक ही है लगता है की चुनाव को देखते हुए सरकार लोगों को भ्रमित कर वोट की राजनीति कर रही है जहाँ एक तरफ लोगों का इस महामारी में रोजगार छीन गया है लोग भुखमरी के कगार पर चला गया है वही जनगणना,आवासीय प्रमाण पत्र एवं शपथ पत्र बनाने में आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ा रहा है ।इस से यह लगता है कि सरकार लोगों को मदद करने के बजाय उनका मजाक उड़ा कर आर्थिक दोहन कर अपना खजाना भरना चाहती है ।राजद नेताओं ने माँग किया की बिहार सरकार अगर लोगों को इस महामारी में मदद करना चाहती है तो पुर्व की तरह आधार कार्ड लेकर राशन कार्ड बनाये ताकि लोग भुखमरी से बच सके ।