मसौढी
नगर परिषद की मुख्य पार्षद सुनीता सिन्हा के विरूद्ध अविश्वास प्रस्ताव सोमवार को 19-0 मत से पारित हो गया और इसके साथ ही उनकी कुर्सी चली गई ! मुख्य पार्षद के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को लेकर विशेष बैठक नगर परिषद के सम्राट अशोक भवन में सोमवार को दोपहर आहूत हुई। बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपमुख्य पार्षद उर्मिला देवी ने मुख्य पार्षद के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव में उनपर लगाए गए विभिन्न आरोपों को बिंदुवार पढकर सदन को सुनाया। अविश्वास प्रस्ताव की चर्चा में भाग लेते हुए पार्षद पन्ना लाल सिंह ने विशेष बैठक का स्थान कार्यपालक पदाधिकारी द्वारा तय करने पर आपति जताते हुए बैठक की चर्चा में शामिल तो हुए लेकिन जब वोटिंग की बारी आई तो वे बैठक से बहिगर्मन कर गए। मुख्य पार्षद सुनीता सिन्हा ने अविश्वास प्रस्ताव में अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों का बिंदुवार जबाब दिया और सभी आरोपों को खारिज कर दीं। पार्षद सोनू कुमार व शशिभूषण कुमार ने आरोपों को सही ठहराया। इसके बाद मतदान की प्रक्रिया शुरू की गई। बैठक में उपस्थित कुल 21 पार्षदों में से 19 पार्षद ने मतदान में हिस्सा लिया। मतगणना होने तक मुख्य पार्षद बैठक में मौजूद रहीं। लेकिन वे मतदान में हिस्सा नहीं ली। मतगणना के बाद उपमुख्य पार्षद ने अविश्वास प्रस्ताव को 19-0 मत से पारित घोषित किया। गौरतलब है कि नगर परिषद के कुल 26 पार्षद हैं। पांच पार्षद बैठक से अनुपस्थित रहें। इस मौके पर पार्षद रानी कुमारी, उर्वशी कुमारी, मुकेश कुमार, मृत्युजंय कुमार, रामकली देवी, मुनिया देवी, सोनू कुमार , शशिभूषण कुमार , फरीदा बानो, उमेश चौधरी, मो0 इसराइल, संगीता देवी, रेनू कुमारी, अनुराधा देवी, अमित कुमार निराला, योगेन्द्र प्रसाद, कांति देवी, सुनीता देवी, संजय कुमार, अपर निर्वाचन पदाधिकारी राजू कुमार व पर्यवेक्षक के रुप में एसडीएम आपूर्ति निर्मल कुमार मौजूद थे।
*आमंत्रण पत्र देने के बावजूद पत्रकारों को सदन में जाने से रोका*
मुख्य पार्षद के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को लेकर सोमवार को आहूत नगर परिषद की विशेष बैठक का समाचार संकलन हेतु नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी द्वारा सभी स्थानीय संवाददाताओं को आमंत्रण पत्र भेजा गया था। लेकिन बैठक शुरू होने से पहले जैसे ही स्थानीय संवाददाता सदन में प्रवेश करने लगे कार्यपालक पदाधिकारी किशोर कुणाल ने एसडीओ के आदेश का हवाला दे उन्हें सदन में प्रवेश करने व बैठक की फोटो खींचने से मना कर दिया। नतीजतन सभी संवाददाता सदन से बाहर ही रह गये।