नोखा रोहतास। लॉकडाउन के बीच नोखा नपं के कई वार्डों में डोर-टू-डोर कचरे का रोज उठाव नहीं हो रहा है। कुछ मोहल्लों में तो लगभग दो महीने से नगर पंचायत का ऑटो टिपर कचरा कलेक्शन करने गया ही नहीं। ऐसे में लोगों के घरों में रखा डस्टबिन कूड़ा से भर गया है। कई परिवार तो परेशान होकर सड़क किनारे ही कूड़ा फेंक दे रहे हैं।कचरा नहीं उठने से परेशान शहरवासी वार्ड पार्षद से नगर पंचायत के अधिकारी तक को इस समस्या से अवगत करवा चुके हैं फिर भी कचरे का उठाव नहीं हो रहा है। शहर को स्वच्छ और सुंदर बनाने का दावा करने वाले जिम्मेदार चुप्पी साधे हुए हैं। कहने को शहर के गली-मोहल्लों से की सफाई के लिए प्रतिदिन 2 ऑटो टिपर के साथ लगभग 30 कर्मचारी काम कर हैं लेकिन अधिकांश मोहल्लों में पिछले तीन सप्ताहों से डोर-टू-डोर कचरा उठाव ठप हो गया है। लोग कचरे को सड़कों पर फेंक रहे हैं जिससे सड़क किनारे जहां-तहां बिखरा पड़ा रहता है। यह कचरा बारिश के पानी में मिलकर सड़ांध पैदा कर रहा जिससे शहरवासी परेशान हैं। यही नहीं कचरे के ढेर पर सूअरों और आवारा पशुओं को जमावड़ा लगा रहता है जिससे लोगों को संक्रमण फैलने का डर सताते रहता है।शहर में कुल 15 वार्ड हैं। वहां रोज लगभग 2 टन कचरा निकलता है। कचरा को डंपिंग केन्द्र तक पहुंचाने के लिए कोई वाहनों का प्रयोग नहीं किया जाता है। इसके लिए महीने में औसतन 13 लाख रुपए खर्च किए जाते हैं। बावजूद सफाई व्यवस्था में ढिलाई से शहर के गली-मोहल्लों की स्थिति नारकीय होती जा रही है। यह स्थिति तब है जब कोरोना संक्रमण को लेकर साफ-सफाई पर विशेष फोकस किया जा रहा है। ऐसे में नगर पंचायत की लापरवाही से लोगों में संक्रमण का खतरा बना रहता है।
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