दावथ
रोहतास अषाढ़ गुरु पूर्णिमा के शुभ अवसर पर दावथ प्रखंड के परमानंद पूरी धाम मे पयहारी जी के आश्रम में गुरु पूर्णिमा के अवसर पर संध्या समय सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। भक्तों द्वारा गुरु की सेवा में भक्ति भजन के साथ रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्र प्रस्तुत करते रहे। वैश्विक महामारी के कारण सरकार द्वारा मंदिर में पूजा अर्चना करने का निर्देश नहीं दिए जाने के कारण मंदिर में सन्नाटा पसरा रहा। मंदिर का पट बंद रहने के कारण भक्त गण बाहर से ही गुरु की वंदना, पूजन कर घर वापस हाे गए। श्री श्री 1008 श्री महेश्वर जी महाराज की पूजा अर्चना शिष्यों ने किया। उपेन्द्र बाबा त्यागी जी महाराज के नेतृत्व में सभी कार्यक्रम सम्पन्न हुए।परमेश्वर पूरी धाम के मंदिर में गुरु पूर्णिमा के अवसर पर देश के विभिन्न राज्यों से सैकड़ों भक्त गुरु की पूजा अर्चना करने के लिए आते थे।बताते चले की
अषाढ़ गुरु पूर्णिमा के दिन ही भगवान वेद ब्यास का जन्म हुआ था। बेद ब्यास जी ने ब्रह्म सूत्र की रचना के साथ 18 पुरान व 6 शास्त्रों की रचना की है। भगवान वेद ब्यास का भारतीय संस्कृति में अदभूत योगदान रहा है। ब्यास गद्दी पर बैठने वाले गुरु की पूजा करना भारतीय संस्कृति की परंपरा रही है। जो महापुरुष विश्व कल्यानार्थ के लिए प्राणियों को उपदेश देते है। उस महापुरुष को भारत में गुरु के रुप में पूजे जाते हैं। भगवान वेद ब्यास के जन्म दिवस के अवसर पर गुरु पूर्णिमा मनाया जाता है।
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