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जिले में 44.84 फीसद पहुंचा बैंकों का ऋण जमा अनुपात

सासाराम
रोहतास जिला में कोरोना महामारी के कारण बाहर के बाहर के राज्यों से घर लौटे श्रमिकों को स्वरोजगार के लिए बैंक आगे आ उन्हें नियमानुकूल ऋण प्रदान करें। जिला स्तरीय बैंकिग परामर्शदातृ समिति व जिला स्तरीय समीक्षा समिति की मंगलवार को डीआरडीए सभागार में डीएम पंकज दीक्षित की अध्यक्षता में हुई। जिसमें डीएम ने बैंक अधिकारियों को कृषि व इससे आधारित लोन मत्स्य पालन, मुर्गी पालन व गव्य पालन को प्रमुखता देने का निर्देश दिया। कहा कि स्वरोजगार को बढ़ावा देने में बैंकों की भूमिका महत्वपूर्ण है। उन्होंने ऋण-जमा अनुपात बढ़ाने पर बल दिया। डीएम ने केसीसी लोन और प्रधानमंत्री रोजगार योजना की उपलब्धि पर असंतोष जताया। डीएम ने वर्तमान वित्तीय वर्ष में लक्ष्य को शत प्रतिशत हासिल करने का निर्देश दिया।
एलडीएम एजाज हमीद ने बताया कि जिले में कुल 226 शाखाओं की ओर से बैंकिग व्यवसाय किया जा रहा है। इन सभी बैंकों की जमा राशि 8882.14 करोड़ व ऋण राशि 3982.63 करोड़ है। जिले का ऋण जमा अनुपात तिमाही पर 44.84 फीसद है। एलडीएम ने कहा कि वार्षिक ऋण योजना मार्च 2020 में उपलब्धि का 85.21 प्रतिशत रहा है, जिस पर समिति ने संतोषजनक माना। बैंकों से आग्रह किया गया कि नए वित्तीय वर्ष 2020-21 में इसे और बेहतर करते हुए शत प्रतिशत लक्ष्य को हासिल किया जाए। इस बार का ऋण जमा अनुपात में वृद्धि पिछली तिमाही की अपेक्षा 0.17 फीसद अधिक हुई है। केसीसी की उपलब्धि मार्च 2020 तक मात्र 63.39 फीसद ही पाया गया। केसीसी की उपलब्धि पर आरबीआइ के प्रतिनिधि ने असंतोष जताया। डीएम ने वर्तमान वित्तीय वर्ष में सभी लंबित आवेदनों का निष्पादन सुनिश्चित करते हुए अपने लक्ष्य को शत-प्रतिशत हासिल करने का निर्देश बैंक अधिकारियों को दिया। बैंक प्रबंधकों से आग्रह किया कि सूक्ष्म लोन, जेएलजी मोड में किया जाए। समीक्षा बैठक में एलडीएम ने बैंकरों से कहा कि कोरोना संकट काल में कृषि व कृषि आधारित लोन, मत्स्य पालन, गव्य, मुर्गीपालन को प्राथमिकता दें, ताकि अन्य प्रदेशों से बिहार लौटे ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध हो सके। एलडीएम के अनुसार प्रधानमंत्री रोजगार योजना के तहत जिले में अबतक 74 लोन आवेदन पत्र स्वीकृत किए गए है। एलडीएम ने बैंकवार समीक्षा रिपोर्ट समिति अध्यक्ष को प्रस्तुत किया। डीएम ने कहा कि लक्ष्य से पीछे रहने वाले बैंकों को अगले तिमाही में इसे अवश्य पूरा करना होगा, अन्यथा उनके खिलाफ कार्रवाई की रिपोर्ट सरकार को भेजी जाएगी। बैठक में पीएनबी डेहरी की ओर से संचालित ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान के प्रतिनिधि अमित कुमार ने बताया कि संस्थान में कृषि व कृषि आधारित उद्योग के कुल 604 प्रशिक्षणार्थियों को सात उत्पाद आधारित विभिन्न उद्योगों का प्रशिक्षण दिया गया है। जिसमें से 394 प्रशिक्षणार्थी बीपीएल श्रेणी के हैं। प्रशिक्षणार्थीयों को जीविका की तरफ मशरुम उत्पादन के लिए भी दक्ष किया गया है। बताया कि कोरोना संकट काल में जिले में लौटे श्रमिकों के लिए आरसेटी द्वारा विशेष बैच में प्रक्षिक्षण देने का प्रावधान किया गया है जिससे वे आत्मनिर्भर बन स्वरोजगार कर सके। बैठक में लगभग सभी बैंकों के जिला प्रतिनिधि उपस्थित थे।

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