सहरसा
रमजान में इबादत को कुर्बान किया, जमात के साथ तरावीह ना पढ़ सके, शब-ए-कद्र पर मस्जिद मे इबादत ना कर सके, फिर कैसी खुशियाँ ?और कैसी ईद ?
इसलिए इस ईद पर कोई शापिंग नही,कोरोना जैसी वैश्विक महामारी में जिस तरह देश की आर्थिक स्थिति खराब हो चुकी है जीडीपी माइनस में पहुंच चुकी है ऐसे समय में राष्ट्र के साथ खड़ा रहना सही कदम होगा अब राष्ट्र की भागीदारी हम जैसे जनता के है कन्धों पर है।इस मौके पर वार्ड पार्षद प्रतिनिधि वार्ड नंबर-31 के मोo हारुण भी मौजूद रहे।
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