टिकारी/गया
टिकारी से ओमप्रकाश की रिपोर्ट
दक्षिण बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय (सीयूएसबी) में राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के आदर्शों से प्रेरणा लेते हुए विवि परिसर में स्वछता के लिए शपथ लिया गया | जन संपर्क पदाधिकारी (पीआरओ) मो० मुदस्सीर आलम ने विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन में अधिकारीयों एवं कर्मचारियों ने वित्ताधिकारी श्री गिरीश की अगुआई में शपथ लिया | वहीँ माननीय कुलपति प्रोफेसर हरीशचन्द्र सिंह राठौर ने स्वच्छता के प्रति सबको भागीदारी निभाने की अपील की | शपथ ग्रहण में शामिल विश्वविद्यालय के सभी गैर शैक्षणिक एवं शैक्षणिक ने विवि परिसर एवं घर के साथ – साथ अपने आसपड़ोस को स्वच्छ रखने का प्रण किया | स्वच्छता शपथ में सबने एक साथ निम्न पंक्तियों को दोहराया।
महात्मा गांधी ने जिस भारत का सपना देखा था उसमें सिर्फ राजनैतिक आजादी ही नहीं थी, बल्कि एक स्वच्छ एवं विकसित देश की कल्पना भी थी।
महात्मा गांधी ने गुलामी की जंजीरों को तोड़कर मां भारती को आजाद कराया।
अब हमारा कर्तव्य है कि गंदगी को दूर करके भारत माता की सेवा करें।
मैं शपथ लेता हूं कि मैं स्वयं स्वच्छता के प्रति सजग रहूंगा और उसके लिए समय दूंगा।
हर वर्ष 100 घंटे यानी हर सप्ताह 2 घंटे श्रमदान करके स्वच्छता के इस संकल्प को चरितार्थ करूंगा।
मैं न गंदगी करूंगा न किसी और को करने दूंगा।
सबसे पहले मैं स्वयं से, मेरे परिवार से, मेरे मुहल्ले से, मेरे गांव से एवं मेरे कार्यस्थल से शुरूआत करूंगा।
मैं यह मानता हूं कि दुनिया के जो भी देश स्वच्छ दिखते हैं उसका कारण यह है कि वहां के नागरिक गंदगी नहीं करते और न ही होने देते हैं।
इस विचार के साथ मैं गांव-गांव और गली-गली स्वच्छ भारत मिशन का प्रचार करूंगा। मैं आज जो शपथ ले रहा हूं, वह अन्य 100 व्यक्तियों से भी करवाउंगा।
वे भी मेरी तरह स्वच्छता के लिए 100 घंटे दें, इसके लिए प्रयास करूंगा।
मुझे मालूम है कि स्व्च्छता की तरफ बढ़ाया गया मेरा एक-एक कदम पूरे भारत देश को स्वच्छ बनाने में मदद करेगा।