रोहतास/बिहार
आंगनबाड़ी सेविकाएं अब दिब्यांग बच्चों को प्रारंभिक अवस्था में इसको लेकर आईसीडीएस बिभाग द्वारा सभी सीडीपीओ एवं आंगनबाड़ी सेविका सहायिकाओ को निर्देश दिया गया है।पहले स्वस्थ्य बिभाग इसकी पहचान करता था। ।शिशुओं को लक्षण के अनुसार दिब्यांग की पहचान की जाती है।दिब्यांग बच्चों की समय से पहचान होना जरुरी होता है।इससे चिंहित बच्चों को बेहतर उपचार भी होता है।इससे दिब्यांग बच्चे बच्चे आम बच्चों की तरह अपना जीवन यापन करेंगे।
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