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मंत्रणा कक्ष में जिला परामर्श दात्री समिति की हुई बैठक

*जल जीवन हरियाली अभियान के अंतर्गत क्रियान्वित योजनाओं के प्रति संवेदनशील रहें अधिकारी। समीक्षा हेतु वस्तुपरक प्रतिवेदन समर्पित करें… प्रभारी मंत्री*

लखीसराय /बिहार

समाहरणालय के मंत्रणा कक्ष में जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत गठित जिला परामर्शदातृ समिति की बैठक सूचना जनसंपर्क विभाग के माननीय मंत्री-सह-लखीसराय जिला के प्रभारी मंत्री श्री नीरज कुमार की अध्यक्षता में आयोजित हुई, जिसमें जिला पदाधिकारी श्री शोभेन्द्र कुमार चौधरी, जिला परिषद् के अध्यक्ष श्री रामा शंकर शर्मा उर्फ नुनु बाबू, उप विकास आयुक्त श्री विनय कुमार मंडल, सिविल सर्जन, नगर अध्यक्ष, अनुमंडल पदाधिकारी श्री मुरली प्रसाद सिंह, जिला पंचायती राज पदाधिकारी श्री राजीव कुमार, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी श्री रंजन कुमार, जिला जन-संपर्क पदाधिकारी, जिला योजना पदाधिकारी, जिला मत्स्य पदाधिकारी, जिला कृषि पदाधिकारी, स्वास्थ्य विभाग के डीपीएम सहित लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण, भवन, लघु सिंचाई प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता वन विभाग, शिक्षा विभाग के अधिकारी एवं अन्य संबद्ध विभागों के अधिकारीगण उपस्थित रहे।
बैठक को संबोधित करते हुए माननीय मंत्री ने कहा कि जल- जीवन-हरियाली अभियान सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसके क्रियान्वयन हेतु 3 वर्षों का बजट उपबंध सुनिश्चित किया गया है। सभी अधिकारी इस अभियान के सफलतापूर्वक क्रियान्वयन के प्रति संवेदनशील रहें। उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि बैठकों में समर्पित किए जाने वाले प्रतिवेदन वस्तुपरक होना चाहिए ताकि योजनाओं की समीक्षा स्थल वार समुचित रूप से की जा सके। उन्होंने कहा कि प्रतिवेदन देते समय क्रियान्वित योजनाओं की विवरणी अनुलग्नक के रुप में संलग्न की जाए।
समीक्षा के क्रम में पाया गया कि 6923 चिन्हित सार्वजनिक जल संचयन संरचनाओं में से 454 अतिक्रमित है, उन्होंने अविलंब इन्हें अतिक्रमण मुक्त करने के निर्देश दिए। इस अभियान के अंतर्गत क्रियान्वित कार्यों की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि ऐसे सार्वजनिक कुआं जो निजी जमीन पर अवस्थित हैं एवं उनका उपयोग सार्वजनिक रूप में किया जा रहा है, वैसे कुँओं का सर्वे करा कर प्रावधान के अनुसार उनका जीर्णोद्धार कराया जाए।
उन्होंने कड़े निर्देश देते हुए कहा कि जल -जीवन-हरियाली अभियान के अंतर्गत जिन योजनाओं के क्रियान्वयन किया जा रहा है, उन्हें अधिकारी व्यक्तिगत रूचि लेते हुए स्वयं स्थल निरीक्षण करें एवं कार्य को समुचित रूप से प्रावधान के अनुरूप पूरा कराएं। उन्होंने कहा कि सरकार की सोच है कि *जल है, हरियाली है तभी जीवन है।* इसी सोच एवं समझ को मूर्त रूप देने के उद्देश्य से माननीय मुख्यमंत्री जी की आकांक्षाओं के अनुरूप जल-जीवन-हरियाली अभियान की शुरुआत की गई है एवं इसका सफलतापूर्वक क्रियान्वयन आप सभी का प्रशासकीय दायित्व भी है। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन हो रहा है, इसके प्रति लोगों की समझ बदल रही है, वृक्षारोपण के लिए लोग प्रेरित हो रहे हैं। पर्यावरण संरक्षण एवं संतुलन हेतु जलवायु परिवर्तन के कुप्रभाव एवं गिरते जल स्तर को रोकने हेतु इस अभियान को गति देते हुए तेजी से व्यापक प्रचार- प्रसार कर हमें लोगों को अधिक-से-अधिक प्रोत्साहित करना है।
जिला कृषि पदाधिकारी द्वारा जल -जीवन -हरियाली अभियान के तहत प्रस्तुत प्रतिवेदन में जैविक खेती एवं टपकन सिंचाई योजना के लिए दिए गए आंकड़ों पर नाराजगी व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि प्रतिवेदन देते समय पूरी सतर्कता बरतें।
बैठक के पूर्व जिलाधिकारी श्री शोभेन्द्र कुमार चौधरी ने माननीय मंत्री महोदय का पुष्पगुच्छ से स्वागत करते हुए जल-जीवन-हरियाली अभियान के अंतर्गत जिले में अब तक क्रियान्वित योजनाओं के विषय में जानकारी दी एवं उप विकास आयुक्त श्री विनय कुमार मंडल ने बिंदुवार क्रियान्वयन की अद्यतन स्थिति पर प्रकाश डाला।
उप विकास आयुक्त ने बताया कि 6923 सार्वजनिक जल संचयन संरचना को चिन्हित किया गया है, जिनमें 454 को अतिक्रमण मुक्त करने की कार्रवाई की जा रही है। सार्वजनिक जल संचयन संरचनाओं के जीर्णोद्धार के तहत एक एकड़ से अधिक के 308 पोखरा में से 26 पोखरा में काम प्रारंभ कर दिया गया है, 10 पोखरा के जीर्णोद्धार का कार्य पूर्ण करा लिया गया है। उन्होंने बताया कि 1 एकड़ से कम क्षेत्रफल वाले 146 तालाबों में से 6 तालाबों में काम शुरू किया गया है, दो तालाबों का जीर्णोद्धार पूर्ण कर लिया गया है। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि जिले में 654 आहार हैं, जिनके जीर्णोद्धार की कार्रवाई की जा रही है। अब तक 128 आहर के जीर्णोद्धार हेतु कार्य प्रारंभ किए गए हैं, 10 आहर के जीर्णोद्धार का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। जिले में मौजूद 932 पईन में से 34 पईन के जीर्णोद्धार हेतु कार्य प्रारंभ किया गया है, दो पईन का जीर्णोद्धार कार्य पूर्ण करा लिया गया है। उप विकास आयुक्त ने माननीय मंत्री महोदय को जानकारी देते हुए कहा कि लखीसराय जिला अंतर्गत शहरी क्षेत्र में 304 एवं ग्रामीण क्षेत्र में 1477 सार्वजनिक कुआं हैं। ग्रामीण क्षेत्रों के 14 कुआं के जीर्णोद्धार का कार्य प्रारंभ किया गया है,जिसमें 10 कुआं का जीर्णोद्धार कार्य पूर्ण कर लिया गया है। इसी प्रकार सार्वजनिक चापाकल, सार्वजनिक नलकूपों के जीर्णोद्धार कार्य के साथ-साथ सोख्ता रिचार्ज एवं अन्य जल संचयन संरचनाओं के निर्माण की अद्यतन स्थिति के संबंध में उन्होंने विस्तार से प्रकाश डाला।
समीक्षा के क्रम में जिला पदाधिकारी ने जल संग्रहण क्षेत्रों में चेक डैम एवं जल संचयन की अन्य संरचनाओं के निर्माण हेतु लघु जल संसाधन प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता को निर्देश देते हुए कहा कि छोटी-छोटी नदी/ नहर का उपलब्ध आंकड़ा को लेते हुए स्थानीय जनप्रतिनिधि से बात कर चेक डैम की आवश्यकता एवं जरूरतों के संबंध में सर्वे कराया जाए एवं इसके निर्माण हेतु आवश्यक कार्रवाई अविलंब सुनिश्चित कराए जाएं। जरूरत हो तो नए स्कीम के तहत इसे लेकर पूर्ण कराया जाए। साथ ही उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि जितने भी जल निकाय अथवा जल स्रोत हैं, उसका खाता/ खेसरा की सूची अंचल अधिकारी के माध्यम से प्राप्त किए जाएं।
आज की बैठक में इसके अलावा सौर ऊर्जा के उपयोग, ऊर्जा बचत, वृक्षारोपण, वाटर हार्वेस्टिंग इत्यादि अन्य बिंदुओं पर भी योजनावार समीक्षा की गई एवं आवश्यक निर्देश दिए गए। जिला पदाधिकारी ने बिजली विभाग के कार्यपालक अभियंता को निर्देश देते हुए कहा कि सभी कार्यालयों को बिजली की यथोचित बचत करने के निर्देश दिए गए थे। उन्होंने विगत माह एवं वर्तमान माह की बिजली खपत से संबंधित कार्यालय वार प्रतिवेदन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया।

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