प्रियांशु के साथ अशोक कुमार की रिपोर्ट
समस्तीपुर जिला के विभूतिपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत लबकाहा चौर खोकसाहा स्थित बांध किनारे बीते 8 अक्टूबर की रात्रि अपराधियों ने तेज हथियार से गला रेत कर एकडारा जोगिया वार्ड 13 निवासी रामविलास पासवान के पुत्र अमरजीत पासवान की हत्या कर दी थी। इस मामले को पुलिस ने खुलासा कर दिया है। गुरुवार को विभूतिपुर थाना परिसर में प्रेस वार्ता आयोजित कर रोसड़ा एसडीपीओ शिवम कुमार ने बताया कि मृतक अमरजीत पासवान की लाश 9 अक्टूबर की सुबह घटनास्थल से मिली थी। इस मामले में मृतक की भाभी रामश्री देवी द्वारा प्राथमिकी दर्ज कराते हुए एकडारा वार्ड 11 निवासी टुनटुन महतो, पिंकी देवी, सकल कुमार, गोलू कुमार, बिजल महतो और तीन-चार अज्ञात लोगों को आरोपित किया था। इस मामले को गंभीरता से देखते हुए घटना के उद्भेदन एवं गिरफ्तारी हेतु पुलिस अधीक्षक द्वारा अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी शिवम कुमार के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया। जिसमें स्वयं डीएसपी शिवम कुमार, विभूतिपुर थानाध्यक्ष संदीप कुमार पाल, एसआई नवीन कुमार, एएसआई राजेश कुमार सिंह और मनोज कुमार शामिल थे। टीम के सदस्यों द्वारा मैनुअली एवं वैज्ञानिक अनुसंधान से इस घटना के सूत्रधार और घटना कारित करने वाले का खुलासा करते हुए दो अप्राथमिकी अभियुक्त मंदा गांव निवासी गांगो पासवान के पुत्र सिकंदर पासवान और बेगूसराय जिले के मंसूरचक थाना क्षेत्र अंतर्गत वीरगंज निवासी रामप्रकाश महतो के पुत्र सिंघेश्वर महतो को गिरफ्तार किया गया। इन दोनों के द्वारा अपराध स्वीकार करते हुए बताया गया कि मृतक सिकंदर पासवान का साडू था। मृतक अमरजीत पासवान और उसकी पत्नी नीलम देवी के बीच आपस में रुपए पैसों को लेकर वाद विवाद होती रहती थी। बनाव नहीं रहता था । टुनटुन महतो से मृतक के पत्नी का विवाद चल रहा था। जिसको लेकर अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति थाना में 11/2022 मृतक की पत्नी द्वारा दर्ज कराया गया था। इस केस को उठाने को लेकर मृतक द्वारा अपनी पत्नी पर दबाव दिया जाता था और मृतक के मौसेरा भाई कारु पासवान से भी नीलम देवी से अवैध संबंध होने का ताना देता था। जिसको लेकर दोनों पति-पत्नी में झगड़ा होती थी। मृतक की पत्नी इससे तंग आकर पिछले करीब 6 माह से अपने मायके में ही नाराज होकर रहने लगी। घटना से करीब 10 दिन पूर्व नीलम देवी अपने जीजा सिकंदर पासवान को बुलाकर सारी कहानी सुनाई। इसके बाद नीलम देवी अपने पति को जान से मारने का योजना बनाने हेतु जीजा सिकंदर पासवान को तैयार किया। क्योंकि उसके पति का इंश्योरेंस था। जो अमरजीत के मरने के बाद करीब 7 लाख रुपए उसे मिलता। इस रुपए से करीब 1 लाख रुपए जीजा सिकंदर पासवान को देने की बात कर उसने तैयार किया। सिकंदर पासवान द्वारा मृतक की हत्या का सुपारी लेते हुए अपने दोस्त बीरगंज निवासी सिंघेश्वर महतो से संपर्क किया। उसे 20 हजार रुपए देने की बात कर तैयार कराया। सिंघेश्वर महतो ने सिकंदर पासवान को एक अन्य व्यक्ति पंकज कुमार से संपर्क कराया और पंकज को 20 हजार रुपए में तैयार करा लिया। इसके बाद बीते 8 अक्टूबर को समय करीब 4 बजे संध्या पंकज के साइकिल पर सवार होकर सिकंदर पासवान और पंकज पासवान खोकसाहा पहुंचा। मृतक अमरजीत पासवान को पंकज के मोबाइल से पैसा लेने के बहाने खोकसाहा बुलवाया। उसके बाद घटनास्थल की ओर उसे बहला-फुसलाकर ले गया। रात्रि करीब 7 से 8 के बीच दोनों मिलकर चाकू से गला रेत कर अमरजीत की हत्या कर दी। उसके बाद मृतक का मोबाइल और चाकू को पास के ही बड़ा पोखर में फेंक दिया। घटना को अंजाम देने के बाद पुनः उसी साइकिल पर सवार होकर मंसूरचक दोनों लौट गए । घटना में प्रयुक्त दो मोबाइल और एक साइकिल पुलिस ने बरामद की है। एसडीपीओ ने बताया कि पुलिस गिरफ्त में आए दोनों आरोपित पूर्व में भी हत्या के केस में जेल जा चुका है। शेष अभियुक्तों की गिरफ्तारी हेतु छापेमारी जारी है।