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आनंद मोहन के समर्थन में आए कृषि मंत्री सुधाकर सिंह भाजपा के नजर में घोटाले बाज और चोर हो गए- पप्पू सिंह

सासाराम।आनंद मोहन के समर्थन में सच्चाई को बताने वाले कृषि मंत्री सुधाकर सिंह घोटाला बाज और चोर हो गए उक्त बातें श्री राजपूत करणी सेना के प्रदेश संयोजक पप्पू सिंह ने बताया। उन्होंने बताया कि यह नौजवान बिहार का उभरता हुआ परिपक्व राजनेता है जिसका कैरियर बर्बाद करना और उसको घोटालेबाज और चोर बताना यह कहां तक न्यायोचित है ।बात सिर्फ सुधाकर सिंह पर लागू नहीं होती यह पूरे शाहाबाद के मिल मालिकों पर लागू होती है पूरा शाहाबाद के मिल मालिक यह दंश झेल रहे हैं और इसका भुक्तभोगी सारे मिल मालिक है । इसकी सच्चाई क्या है? आम बिहार वासियों को यह जानने का अधिकार है, कुछ समय पहले बिहार सरकार और बिहार के मिल मालिकों के साथ एक एग्रीमेंट हुआ था कि सरकार अपने ट्रांसपोर्टरों ( बी एस एफ सी ) के माध्यम से बिहार के मिलरो को धान देगी और उसके बदले मिल मालिक धान को चावल बना कर सरकार को देगें । जब सरकार ने धान दे दिया तो मिल मालिकों ने धान का चावल बना कर तैयार कर दिया उसके बाद सरकार के ट्रांसपोर्टर के माध्यम से अब यह चावल को मिल मालिकों के यहां से चावल का उठाव करना था इसमें मिल मालिकों को केवल धान के बदले चावल देने के उपलक्ष में सिर्फ मिलिंग (धान कुटाई ) चार्ज ही मिलता । लेकिन यह कार्य चावल उठाने वाले सरकार की मशीनरी फेल हो गई । सरकार ने चावल का उठाव नहीं कर पाई क्योंकि सरकार के पास चावल रखने का कोई व्यवस्था नहीं था सरकार की मशीनरी बी एस एफ सी यह कार्य नहीं कर पाई तब मिल मालिकों ने सरकार को चिट्ठी लिखा चावल का उठाव किया जाए क्योंकि हमारे पास अब चावल रखने का कोई अतिरिक्त जगह और व्यवस्था नहीं है सरकार यह कार्य भी नहीं कर पाई तब थक हार कर मिल मालिकों ने माननीय उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया तब उच्च न्यायालय ने बिहार के सभी जिलाधिकारियों को यह आदेश दिया इसकी सच्चाई की पता लगाई जाए लेकिन सरकार की कमी को छिपाने के लिए उल्टे मिल मालिकों पर ( सर्टिफिकेट केस ) मुकदमा दर्ज करने का आदेश दे दिया जिसके खिलाफ फिर मिल मालिकों ने माननीय उच्च न्यायालय का रास्ता अख्तियार किया तब उच्च न्यायालय ने मिल मालिकों को राहत देते हुए स्टे लगा दिया इस बीच सेंट्रल की टीम (एफ सी आई) जिसका यह पैसा था । एफ सी आई के द्वारा भौतिक सत्यापन करने के लिए बिहार का दौरा किया और हर मिल मालिकों के यहां गए तब उन्होंने पाया कि हर मिल मालिकों के यहां धान के बदले चावल उपलब्ध है लेकिन सरकार के नाकामियों के चलते हैं यह चावल का उठाव नहीं हो पाया एफसिआई ने मिल मालिकों को के द्वारा सरकार को दिए गए आवेदन का जांच किया और सही पाया । जब पटना उच्च न्यायालय के द्वारा मिल मालिकों को राहत दी गई तब सरकार ने माननीय सर्वोच्च न्यायालय का रास्ता अख्तियार किया वहां भी सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा मिल मालिकों को राहत देते हुए स्टे लगा दिया गया ।जब भारतीय जनता पार्टी नीतीश के साथ थी तब यह सारे मिल मालिक चोर नहीं थे अब नीतीश अलग हो गए तो सारे मिल मालिक और सुधाकर सिंह घोटाला बाज और चोर हो गए ।दोगली राजनीति कब तक बिहार बर्दाश्त करते रहेगा ।

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