रिपोर्टर रूबी कुमारी/आरा
भोजपुर जिला शिक्षा विभाग (डीईओ) का कार्यालय परिसर शराब पार्टी को लेकर पहले से भी बदनाम रहा है। करीब तीन साल पहले भी शराब पार्टी को लेकर छापेमारी हुई थी उस समय चिकेन से लेकर शराब की बोतल तक बरामद हुई थी एक बार फिर शराबखोरी को लेकर डीईओ कार्यालय चर्चा में हैं हालांकि, इस बार डीईओ कार्यालय के क्लर्क, कर्मचारी से लेकर शिक्षा विभाग के एक सेक्शन पदाधिकारी तक पकड़े गए हैं। आपको बताते चलें कि जिला शिक्षा पदाधिकारी का कार्यालय एसपी ऑफिस से ही सटे हैं रात में शिक्षा विभाग के दफ्तर को मयखाना बनाकर शराबखोरी किए जाने की शिकायत मिली थी। जिसके बाद कानूनी कार्रवाई की बड़ी गाज गिरी। जिसे लेकर महकमे में हड़कंप मच गया हैं एफआईआर दर्ज होने के बाद तीनों कर्मियों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया
उत्पाद अधिनियम के गंभीर दफा के तहत हुआ एफआइआर
टाउन थाना क्षेत्र के मौलाबाग स्थित डीईओ ऑफिस में रात छापेमारी के दौरान शराब के नशे में पकड़े जाने के मामले को लेकर जो एफआईआर दर्ज किया गया हैं, उसमें गंभीर दफा लगाई गई है। दारोगा रहमतुल्लाह के बयान पर दर्ज प्राथमिकी में धनगाई थाना के चकई निवासी क्लर्क नंद किशोर सिंह , पटना जिले के पटेल नगर इन्द्रपुरी निवासी ब्लॉक रिसोर्स पर्सन अभिषेक कुमार एवं बड़हरा थाना क्षेत्र के देवरथ गांव निवासी एसओ सुरेश सिंह को नामजद आरोपी बनाया गया है। पुलिस ने 37(सी) उत्पाद अधिनियम के तहत केस रजिस्टर किया है, जो गंभीर दफा माना जाता हैं। शराब पीकर हंगामे के दौरान इस अधिनियम का इस्तेमाल किया जाता है
शिक्षा विभाग का सेक्शन पदाधिकारी निकला अपने को ठेकेदार बताने वाला
इधर, एसपी सुशील कुमार की शुरूआती जांच में यह बात सामने आई हैं कि शराब के नशे में पकड़े जाने के बाद अपने को ठेकेदार बताने वाला सुरेश सिंह शिक्षक विभाग से जुड़े एक ऑफिस में सेक्शन पदाधिकारी के पद पर कार्यरत हैं। दरअसल, बुधवार की रात करीब आठ बजे एसपी सुशील कुमार और सदर सडीपीओ अजय कुमार को गुप्त सूचना मिली थी कि डीईओ आफिस में शराब की पार्टी हो रही है। इसके बाद टाउन थाना इंस्पेक्टर धर्मेन्द्र कुमार ने सशस्त्र बल के साथ छापेमारी की थी। कैंपस स्थित एक चैंबर में तलाशी ली गई थी। शराब का तीन खाली बोतल बरामद किया गया था। जबकि, शराबखोरी करते हुए चकई गांव निवासी क्लर्क नंद किशोर सिंह, पटना जिले के पटेल नगर निवासी ब्लाक रिसोर्स पर्सन अभिषेक कुमार एवं बड़हरा थाना क्षेत्र के देवरथ गांव निवासी एसओ सुरेश सिंह को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद थाने लाकर ब्रेथ एनलाइजर से जांच की गई थी। जांच में अल्कोहल की पुष्टि हुई थी। पुलिस के अनुसार गिरफ्तार सुरेश ने पकड़े जाने के बाद अपने को ठेकेदार बताया था।बाद में किसी ने एसपी को फोन कर सूचना दी कि वह शिक्षा विभाग से ही जुड़ा है और सेक्शन पदाधिकारी के पद पर कार्यरत हैं। इसके बाद अलग से जांच कराई गई।
2017 में मिला था शराब का बोतल और चिकेन
करीब तीन साल पूर्व 2017 में भी डीईओ कार्यालय में शराब पार्टी की सूचना मिलने पर रात में पुलिस ने छापेमारी की थी। उस समय शराब और चिकेन दोनों की पार्टी चल रही थी। उसी समय पुलिस ने छापेमारी कर बरामद किया था।हालांकि, कर्मी फरार हो गए थे। उस समय भी शराबखोरी के आरोप में शिक्षा विभाग के पांच कर्मचारियों पर नामजद एफआईआर हुआ था