संवाददाता–मो०शमशाद आलम
करगहर -वैश्विक कोरोना महामारी के चलते देश में लॉकडाउन घोषित किया गया ।जिस लॉकडाउन की वजह से सभी काम-धंधे बंद हो जाने से गरीब व मजदूर वर्गों पर रोजी रोटी का संकट मडराने लगा है ।इतना ही नही इस महामारी ने देश की गरीब जनता को भुखमरी की कगार पर भी लाकर खड़ा कर दिया है।जिस भुखमरी के चलते रोटी -रोटी के लिए तरश रहे है गरीब मजदूर परिवार के छोटे -छोटे बच्चें अपना व परिवार का पेट भरने के लिए सुबह से देर शाम तक राजवाहा में व संड़के पर पड़ी कुडे़ -कचड़े के ढे़रों से कांच की बोतलें ,प्लास्टिक का सामान व अन्य सामान ढूंढ़ते नजर आते है।ये बच्चें सुबह से शाम तक अपना व घर का गुजारा करने तथा दो जून की रोटी के लिए खेलने कूदने व पढ़ाई लिखाई करने के बजाये छोटे -छोटे बच्चें कूड़ा -कचरा बीनते नजर आ रहे है। बच्चें अपनी उम्र के अन्य बच्चों को पढ़ते देखकर अपने आप को भी स्कूल या घर में पढ़ने तथा उनके साथ खेलने कूदने की सोचते है,लेकिन परिवार की माली हालात ठीक नही होने के कारण वह स्कूल जाने व खेलने कूदने की उम्र में कूड़ा कचरे के ढे़रों में अपना भविष्य ढूंढ़ते नजर आ रहे है।बच्चें सुबह से शाम तक कूड़े के ढ़ेरों में खाली बोतलें,प्लास्टिक का सामना व लोहे का सामान निकालते रहते है।यह बच्चें अपना व परिवार को पेट भरने के लिए अपना जीवन कूड़े के ढे़रों में बिता देते है,कचरा बीनने वाले यह छोटे -छोटे बच्चे आने वाले खतरों से अनजान होकर कूड़ा कचरा बीनते रहते है।दिन भर बीने हुए बोतल,प्लास्टिक, लोहे के सामानों को बेचकर अपने घर का राशन सामग्री खरीद कर ले जाते है।