प्रियांशु कुमार समस्तीपुर बिहार
इसे गरीब मरीजों के जान से खिलवाड़ नहीं कहें तो क्या कहें साहब! आपके सीएचसी खानपुर में ना तो एमबीबीएस डॉक्टर हैं और ना ही फार्मासिस्ट फिर भी मरीजों का इलाज किया जा रहा है. इतना ही नहीं बिना डॉक्टरी सलाह और बिना फार्मासिस्ट उन्हें दवा भी दी जा रही है. मेडिकल नॉर्म्स को ताक पर रखकर जिसको इस सीएचसी का राजा (प्रभारी) बनाये बैठे हैं, वह भी उस लायक नहीं. यह तो अंधेर नगरी चौपट राजा वाली बात हो गयी न.खासकर प्रसव के लिए पहुंचने वाली ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं सबसे अधिक ठगी जा रही हैं. कुछ महिलाओं को तो जान से भी हाथ धोना पड़ा है, लेकिन इसके बावजूद आपके जिम्मेवार अधिकारी व्यवस्था नहीं रहने का हवाला देकर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं. स्त्री सह प्रसूति रोग विशेषज्ञ नहीं हैं तो प्रसव के लिए क्यों गर्भवती महिलाओं को भर्ती करते हैं. व्यवस्था नहीं है तो सीएचसी में ताला मार दीजिये न, क्यों गरीबों के जान से खिलवाड़ कर रहे हैं.यहां सिर्फ भीड़ को निपटाया जा रहा :कहने को तो इस प्रखंड की जनता को स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बनाया गया है. लेकिन यहां सिर्फ भीड़ को निपटाया जा रहा है. यहां नियमों को ताक पर रखकर डेंटल डॉक्टर को प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी बनाया गया है. डॉक्टर के कमी के कारण एपीएचसी मसिना एवं नत्थुद्वार के होम्योपैथी (आयुष) डॉक्टर की प्रतिनियुक्ति की गयी है. जो वहां पहुंचने वाले मरीजों का एलोपैथी इलाज करते हैं एवं अंग्रेजी दवा भी लिखते हैं. फार्मासिस्ट है नहीं, कभी डाटा ऑपरेटर, कभी गार्ड तो कभी सफाईकर्मी दवा बांटते नजर आते हैं.बिना डॉक्टर कराया जा रहा प्रसव :मेडिकल नॉर्म्स के अनुसार स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ की मौजूदगी या देखरेख में ही अस्पतालों में प्रसव कराया जा सकता है. लेकिन खानपुर सीएचसी में बिना डॉक्टर ही प्रसव कराया जाता है. वह भी सिर्फ एएनएम एवं ममता के भरोसे. कहने को तो इस कार्य के लिए एएनएम प्रशिक्षित हैं, लेकिन जब मामला फंसता है तो मरीजों की जान पर ही बन आती है.
दो दिन पूर्व एक प्रसूता की हो गयी मौत :
दो दिन पूर्व सादीपुर टेंगराहा गांव की एक प्रसूता की इसी चक्कर में जान चली गयी. बताया जाता है कि उसे प्रसव के लिए खानपुर सीएचसी में भर्ती कराया गया था. जहां स्थिति बिगड़ने पर रात में सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया. सदर अस्पताल पहुँचते-पहुंचते उसकी स्थिति और खराब हो गयी तो उसे देर रात डीएमसीएच रेफर कर दिया गया. लेकिन आशा बहु के कहने पर परिजनों ने उसे शहर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उसकी मौत हो गयी.जीएनएम व एएनएम के भरोसे सीएचसी खानपुर में सिर्फ डॉक्टर ही नहीं स्वास्थ्य कर्मियों की भी काफी कमी है. यहां वर्षों से कोई फार्मासिस्ट नहीं है. कभी डाटा ऑपरेटर, कभी गार्ड तो कभी सफाईकर्मी दवा बांटते नजर आते हैं. काफी समय से जीएनएम के पद भी खाली है. बताया जाता है कि मात्र एक जीएनएम यहां प्रतिनियुक्ति पर हैं. मात्र एएनएम के भरोसे ही इस अस्पताल का संचालन किया जा रहा है.क्या कहते हैं सीएस :
खानपुर सीएचसी में एमबीबीएस डॉक्टर नहीं हैं. इसको लेकर कई बार विभाग को लिखा जा चुका है. किसी तरह व्यवस्था को चलाने के लिए ट्रेंड जीएनएम व एएनएम से सामान्य प्रसव का कार्य कराया जा रहा है.डॉ एसके चौधरी, सिविल सर्जन, समस्तीपुर