डेहरी/बिहार
केन्द्र सरकार रेलकर्मियों के मौलिक अधिकारों का हनन कर रही है।आजादी के 75 वें साल बाद भी रेलकर्मियों के साथ भेदभाव किया जाता है।ट्रैकमेनटेनर के लिए ओपन टू आल और पुरानी पेंशन जैसे मुद्दों पर केन्द्र सरकार की नियत ठीक नही।यह विडंबना ही है कि रेलवे भर्ती सेल से चुनकर आने के बाद भी अन्य रेलकर्मीयों की तरह ट्रैकमेनटेनर साथीगण को सुविधाएं नही मिलती।जबकि ट्रैकमेनटेनर रेल के रीढ़ होते हैं।उक्त बातें रेलवे से मान्यताप्राप्त एक मात्र रेल संगठन ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन के त्रैवार्षिक अधिवेशन को सम्बोधित करते हुए एआईआरएफ के राष्ट्रीय नेता व ईसीआरकेयू के केंद्रीय कार्यकारी अध्यक्ष कॉमरेड मिथिलेश कुमार ने कही।
उन्होंने केन्द्र सरकार पर व्यंग्य करते हुए कहा कि नये पेंशन स्कीम अगर अच्छी है तो यह सुविधा प्रधानमंत्री, सांसद व विधायक को लेने चाहिए। जबकि ये लोग पुराने पेंशन ले रहे हैं।नये पेंशन स्कीम दरअसल रेलकर्मीयों के मौलिक अधिकार पर कुठराघात है।जिसे तत्काल बंद किया जाना चाहिए।
अधिवेशन को भारतीय रेल सांकेतिक सेवा अधिकारी अविनाश यादव, एडीएमओ डॉ हरदीप कुमार सिंह, ईसीआरकेयू के केंद्रीय उपाध्यक्ष केदार प्रसाद, रमेश चंद्रा, बीबी पासवान, हिंद मजदूर सभा के प्रदेश एडिशनल महासचिव नागेश्वर सिंह, गया सचिव मुकेश कुमार, डीडीयू सचिव भैयालाल, सुल्तान अहमद, अशोक सिंह, आरपीएफ निरीक्षक राम विलास राम, जीआरपी इंस्पेक्टर गोपाल सिंह, स्टेशन प्रबंधक मुना रजक, स्टेशन अधीक्षक अनिल कुमार, स्टेशन मास्टर नवीन मिश्रा, सेक्शन इंजीनियर नरेंद्र प्रतापसिंह, सीनियर सेक्शन इंजीनियर एस एम सिंह, जीतेन्द्र यादव, अभय वत्स,वीरेंद्र पासवान, एसपी सिंह ने भी संबोधित किया।
इस अवसर पर हरेन्द्र सिंह, विजय बहादुर, धर्मेंद्र कुमार, दिनेश प्रसाद, राजेश कुमार, मुकेश कुमार, आलोक सिंह, प्रमोद यादव, प्रमोद रंजन तिवारी,एसपी सिंह, संजय यादव, रमेश चंद्रा, प्रफूल यादव, अमरेश यादव, कौशल कुशवाहा,श्मशाद हुसैन, मनोज गुप्ता सहित सैकड़ो रेलकर्मी उपस्थित थे।
previous post
next post