*निजी खर्च पर अब तक देश मे 62 हजार किलोमीटर तक ऑक्सीजन बचाओ केम्पन यात्रा संपन्न!*
*सांसे हो रही कम आओ पेड़ लगाए हम!*
*बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ!*
प्रियांशु कुमार समस्तीपुर बिहार
समस्तीपुर :तस्वीर वाले बिहार के युवा जब शादी समारोह में वर – वधू को पौधा भेंट करने पहुंचते थे तो शादी समारोह से भगा दिया जाता था।यहां तक कि खाना तक खाने नही दिया जाता था तो उसके बाद पर्यावरण संरक्षण के महत्ता को आमजनों को समझाने के लिए उन्होंने पीठ अपने पीठ पर पानी के जार में पौधा,नाक में ऑक्सीजन मास्क लगाकर सांकेतिक डेमो के द्वारा आने वाला कल का झांकी के माध्यम से जागरूकता कैंपेन शुरू किया।पीठ पर पौधा और नाक में ऑक्सीजन मास्क ,एक हांथ में तिरंगा और दूसरे हांथ में “सांसे हो रही है कम,आओ पेड़ लगाएं हम” स्लोगन लिखी तख्ती,गले पर्यावरण जागरूकता संबंधी लटकी तख्ती और सिर में जल बचाओ जीवन बचाओ, पर्यावरण बचाओ देश बचाओ स्लोगन देखकर कई बार कई कार्यक्रमों में शामिल होने से रोक दिया गया। कई सम्मान समारोह में सम्मानित होने के लिए बुलाया गया था।पीठ पर पौधा और नाक में ऑक्सीजन मास्क लगा देखकर प्रवेश द्वार पर ही रोक दिया जाता था।उसके बाद ऑक्सीजन बचाओ हरित यात्रा कैंपेन नाम से पदयात्रा करना शुरू किया।अबतक देशभर में घूम घूम कर 62 हजार किमी. का ऑक्सीजन बचाओ हरित यात्रा कैंपेन कर चुका है। देश के विभिन्न हिस्सों में पहुंचकर आमजनों से कहते हैं अभी आपको चेतने की आवश्यक्ता है,अभी नही चेतेंगे और लगातार वनों की कटाई करते रहे तो आने समय में ऑक्सीजन की कमी होगी जिससे हमारे पीठ पर ऑक्सीजन सिलेंडर और नाक में ऑक्सीजन मास्क हुआ करेगा।युवा ऑक्सीजन बचाओ हरित यात्रा कैंपेन के माध्यम से आमजनों से कहते हैं कि जन्मदिन,शादी, शादी के सालगिरह पर पौधरोपण करने का रिवाज हो।इतना ही नहीं ये अपने निजी खर्च पर बिहार में बेटियों के सम्मान में बेटी के नाम से 1 लाख 25 हजार से अधिक आम का पौधरोपण कर चुका है। शुरुआती दौर में जब पीठ पर पौधा और नाक में ऑक्सीजन मास्क लगाकर कैंपेन करने निकलते थे तो इन्हें लोग पागल समझता था,लोग तरह तरह के कॉमेंट्स,फब्तियां और तंज कसते रहता था।फिर दृढ़ संकल्पित होकर अपने आपको लोगों को जागरूक करने से पीछे नहीं हटते थे।