रोहतास/बिक्रमगंज
रिपोर्ट:- धर्मेन्द्र कुमार सिंह
खबर रोहतास जिले के बिक्रमगंज से है, जहाँ कन्या मध्य विद्यालय बिक्रमगंज के भवन को शिक्षण संस्थान के बदले ब्यवसायिक केंद्र बनाने का मामला प्रकाश में आया है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों की आंख में धूल झोंक कन्या मध्य विद्यालय बिक्रमगंज के भवन में टोला सेवकों और तालीमी मरकजों को नीजी संस्थान के द्वारा विद्यालय के भवन में काउंटर खोल पठन-पाठन का सामग्री बिक्री किया गया।
इस सम्बंध में बताया जाता है कि जन शिक्षा निदेशालय से संचालित होने वाले महादलित, दलित एवं अल्पसंख्यक ,अति पिछड़ा वर्ग अक्षर आंचल योजना के तहत 15 से 45 वर्ष के निरक्षर लोगों को साक्षर बनाया जाता है। जिसमें टोला सेवक एवं तालिमी मरकज के शिक्षकों को पठन-पाठन सामग्री मद में 3,405 रुपए बिभाग के द्वारा उपलब्ध कराया गया हैं।
सासाराम के अनुराधा इंटरप्राइजेज द्वारा कन्या मध्य विद्यालय बिक्रमगंज में 98 टोला सेवक एवं तालिमी मरकज को पठन-पाठन का सामग्री ( TLM ) दे पैसा हड़पने के उद्देश्य से आपूर्ति करने के लिए लाया गया था। प्रतिष्ठान के तरफ से उक्त सामग्री को बिक्री करने पहुंचे
सिगासन सिंह से पूछा गया कि किस अधिकारी के आदेश पर विद्यालय में विधिवत काउंटर खोल बिक्री किया जा रहा है तो उनके द्वारा उचित जवाब देने के बजाय टाल-मटोल किया जाने लगा। कभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी तो कभी एसआरजी के कहने पर उक्त सामग्री बिक्री करने के लिए लाए जाने की बात कहा।
टोला सेवको व तालीमी मरकजो को TLM मद की राशि से एक ही प्रतिष्ठान से खरीदने के लिए किस व्यक्ति द्वारा अधिकृत किया गया है इस संबंध में जब बीईओ रेणु कुमारी सिन्हा एवं राज्य संसाधन समूह सदस्य बंशीधर दुबे अपना पल्ला झाड़ते हुए नजर आए।
परंतु सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर कमीशन खोरी के चक्कर मे बिक्रमगंज शहर के इस विद्यालय में बड़े पैमाने पर बिक्री करना शिक्षा विभाग के स्थानीय अधिकारी की मिली भगत से इनकार नहीं किया जा सकता।