प्रियांशु कुमार समस्तीपुर बिहार
समस्तीपुर जिले के विभूतिपुर थाना क्षेत्र के सिंघियाघाट में नागपंचमी पर एक ऐसा मेला लगता है। जिसे देखना हर किसी के वश की बात नहीं। क्योंकि ये मेला सांपों का हैं। इस मेले में भगत के साथ-साथ बच्चे,युवा से लेकर बूढे तक के गले में जहरीले सांप होते हैं। महीनों पहले सांपों के पकड़ने का सिलसिला शुरू होता है। और नागपंचमी तक चलता है। नागपंचमी के दिन यहां अनोखा मेला लगता है।
यहां की सबसे बड़ा चमत्कारी बात है कि नदी में डुबकी लगाकर भगत तंत्र,मंत्र विद्या से सांप निकालते हैं।
दोपहर के बाद यहां के भगत भगवती मंदिर से निकल कर बूढ़ी गंडक नदी में हजारों भीड़ की टोली के साथ स्नान करने जाते हैं और नदी में डुबकी लगाकर कई प्रजाति की सांप निकालते हैं जिसे लोग चमत्कार मानते हैं।
यहां के भगत ने बताया कि दो सौ सालों से पहले यहां मेला लगता है। सांपों को पकड़ने की प्रथा कई पीढ़ियों से चली आ रही है। स्थानीय लोगों का दावा है कि बरसों से चले आ रहे इस मेले में आज तक किसी को भी सांप ने नहीं काटा। यहां भगत के साथ उनके सहयोगी ढोल की थाप पर भजन गाते हैं। भजनों की धुन पर युवाओं की टोली गले और हाथों में सांपों को लेकर झूमते रहते हैं। हजारों की संख्या में श्रद्धालु माता भगवती की नाग देवता को दूध लावा के साथ पूजा-अर्चना करते हैं । उसके बाद सांपों का करतब देखते हैं।