प्रियांशु कुमार समस्तीपुर बिहार
*शराब पीने वाले एवं बेचने वाले का पता लगाने के लिए भाजपा जदयू अपने कार्यकर्ताओं दे जिम्मेदारी तथा पुलिस को दुरुस्त कर चुंगी वसूली पर लगाई रोक – सुनील*
शिक्षकों को कभी खुले में शौच तो कभी शराबबंदी को सफल बनाने की आदेश वापस ले सरकार, शिक्षा बुनियादी आवश्यकताओं को करें पूरा सरकार – सुनील
आइसा जिला सचिव सुनील कुमार ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर *सरकार द्वारा शिक्षकों को शराबबंदी को सफल बनाने के जारी की गई तुगलकी फरमान को आइसा ने शिक्षा विरोधी बताते हुए कड़ी भर्त्सना की है।* एक ओर प्रदेश के स्कूलों में शिक्षकों की घोर कमी है जिस कारण बिहार के छात्रों को बुनियादी शिक्षा प्राप्त करने में कठिनाई हो रही है। दो-दो शिक्षक के सहारे स्कूल चलाई जा रही है और सरकार शिक्षक पात्रता परीक्षा पास शिक्षक अभ्यर्थियों की बहाली भी नहीं कर रही है।
वही छात्रों को पढ़ाने के बजाय *शिक्षकों को कभी खुले में शौच कर रहे लोगों को खदेड़ने की तो अब शराब पीने और शराब बेचने वाले की पता लगाने कि आदेश जारी की है जो शिक्षक और छात्रों के लिए निंदनीय सरकार की कदम है। इसे सरकार वापस ले और बिहार के बुनियादी शिक्षा व्यवस्था में कमी इंफ्रास्ट्रक्चर, शिक्षकों की कमी को दूर कर शिक्षक पात्रता परीक्षा पास अभ्यर्थियों को अभिलंब नियुक्त कर खाली पड़े पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया निकालें की मांग आइसा ने सरकार से की है।
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*आगे सुनील कुमार ने कहा कि शराबबंदी को सफल बनाने को लेकर नीतीश कुमार को भाजपा जदयू के कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी के तौर पर शराब पीने वाले एवं शराब बेचने वाले को ढूंढने पर लगाना चाहिए तथा पुलिस को चुस्त-दुरुस्त करते हुए चुंगी वसूली पर रोक लगाकर शराबबंदी को सफल बनाई जा सकती है लेकिन नीतीश सरकार शराबबंदी एवं महिला उत्थान पर प्रदेस में ढोंग कर रही है। शराबबंदी के बाद भी लोग जहरीली शराब सेवन से मर रहे हैं तो वही महिलाओं पर उत्पीड़न बढा है। आइसा जिला सचिव सुनील कुमार ने कहा कि यदि सरकार शिक्षको पर से शिक्षा विरोधी फरमान वापस नहीं लेती है तो आइसा चरणबद्ध आंदोलन चलाएगी।