सासाराम। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को उनके आंगनवाड़ी केंद्र से नजदीक के निजी विद्यालयों से जोड़ने के उद्देश्य से सुनंदिनी योजना का शुभारंभ किया जा चुका है। समाज कल्याण विभाग के अंतर्गत बाल विकास परियोजना के तहत संचालित आंगनवाड़ी केंद्र को नजदीकी विद्यालय से जुड़ने के पूर्व सभी सेविकाओं का शैक्षणिक स्तर में सुधार लाने की दिशा में अब नयी पहल की गयी है। इसके लिए राज्य में ‘सुनंदिनी’ कार्यक्रम की शुरुआत की जा चुकी है। सुनंदनी योजना के तहत आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को ईसीसीई( प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल एवं शिक्षा) विषय पर 6 महीने का सर्टिफिकेट कोर्स एवं और 1 साल का डिप्लोमा कोर्स कराया जाएगा। जिसमें पंजीकरण शुल्क राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।
ईसीसीई विषय पर सर्टिफिकेट /डिप्लोमा कोर्स अनिवार्य किया गया
सुनंदनी कार्यक्रम के तहत शुरू किए गए सर्टिफिकेट एवं डिप्लोमा कोर्स में निबंधन/ नामांकन के लिए संबंधित बाल विकास परियोजना पदाधिकारी कार्यालय से ऑनलाइन फॉर्म भरे जाएंगे। बताते चलें कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के आलोक में सभी आंगनबाड़ी सेविकाओं को प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल एवं शिक्षा (ईसीसीई) विषय पर सर्टिफिकेट /डिप्लोमा कोर्स अनिवार्य किया गया है। बीबीओएसई से संबंधित कोर्स करने के लिए यह विशेष प्रावधान किया जा रहा है ताकि राज्य में कार्यरत सेविकाएं/सहायिकाएं यह कोर्स आसानी से कर सकें। सासाराम सदर बाल विकास परियोजना पदाधिकारी आशा कुमारी ने बताया कि सुनंदनी योजना के तहत आंगनबाड़ी एवं सेविकाओं का रजिस्ट्रेशन का कार्य पूरा हो गया है। जैसे ही विभाग से आगे का निर्देश आता है वैसे ही आगे की प्रक्रिया को क्रियान्वित किया जाएगा।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का होगा क्षमता वर्धन
जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, रोहतास सुनीता ने बताया ‘सुनंदिनी’ कार्यक्रम की शुरुआत से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के शैक्षणिक उन्नयन के साथ उनका क्षमता वर्धन भी होगा। ‘सुनंदिनी’ कार्यक्रम के तहत आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सर्टिफिकेट कोर्स एवं डिप्लोमा कोर्स करने का मौका मिलेगा। जिससे उनकी सेवा प्रदायगी की गुणवत्ता भी बेहतर होगी। इससे बड़ा लाभ समुदाय को मिलेगा। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की योग्यता एवं क्षमता में बढ़ोतरी होने से समाज कल्याण की अवधारणा को फलीभूत करने में मदद मिलेगी। उन्होंने बताया कि विभाग का मुझी उद्देश्य सभी आंगनबाड़ी केंद्रों को नजदीकी स्कूल से जोड़ने का प्रयास है। उन्होंने बताया कि आंगनबाड़ी को स्कूल से जुड़ने पर छात्रों के शैक्षणिक में भी बेहतर सुधार होगा।