प्रियांशु कुमार समस्तीपुर बिहार
मध्य प्रदेश सरकार के बक्सवाहा जंगलों को काटने के आदेशों पर पर्यावरण प्रेमी त्रिपुरारी झा ने सरकार पर साधा निशाना त्रिपुरारी झा ने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार के द्वारा कृतिम हीरा खनन के लिए चार सौ एकड़ में फैला छतरपुर बक्सवाहा जंगल को पूरी तरह से काटने का आदेश देना दुर्भाग्यपूर्ण है ढाई लाख वृक्ष काटकर हीरा निकालना कौन सा बहादुरी है विश्व अभी प्राकृतिक महामारी कोरोना से जूझ रहा है ऑक्सीजन के बिना लाखों लाख लोग मर रहे हैं और सरकार प्राकृतिक ऑक्सीजन बैंक को ही नष्ट करने जा रही है पेड़ पौधे के बिना जीवन की परिकल्पना नहीं किया जा सकता जीव जंतु सभी प्रकृति के अधीन है ऑक्सीजन के बिना एक पल भी मानव जीवन पशु पक्षी जीवित नहीं रहेंगे हीरा के बिना लोग जीवित रह सकते हैं लेकिन ऑक्सीजन के बिना नहीं हम तभी सांस ले पाएंगे जब हम पेड़ पौधों को बचाएंगे
प्रकृति से छेड़छाड़ सरकार को नहीं करना चाहिए प्रकृति से छेड़छाड़ का ही नतीजा है कोरोना वायरस महामारी पेड़ पौधों को लगाने के बजाय उसे काटना न्याय संगत नहीं है जनसंख्या वृद्धि हो रही है हर चीज का विकास हो रहा है लेकिन अमृत सामान हवा देने वाले पेड़ पौधा का विकास नहीं हो रहा, और हम उसे काटते जा रहे हैं, अपने बेबुनियाद जरूरतों के लिए, अगर सरकार अपना निर्णय वापस नहीं लेगी तो हम उग्र आंदोलन करने को बाध्य होंगे, पांच मई को पर्यावरण दिवस पर पौधरोपण कर , हम वृक्षों को बचाने का संकल्प लेंगे और घर पर ही धरना प्रदर्शन करेंगे, लॉकडाउन के पश्चात बक्सवाहा जंगलों को बचाने के लिए प्रस्थान करेंगे