प्रियांशु कुमार समस्तीपुर बिहार
*भारत सरकार और बिहार सरकार द्वारा बर्मा विस्थापित परिवारों को दिए गए 308 एकड़ 62 डिस्मिल जमीन पर बुरी नजर है जम्मींदार की – फूलबाबू सिंह ।*
बर्मा से 1976 में आने वाले 150 विस्थापित परिवारों को तत्कालीन भारत सरकार और बिहार सरकार ने सिलिंग से फालतू देसुआ के जमींदार से 308 एकड़ 62 डिसमिल जमीन में पीड़ित परिवारों को बसाने का काम किया । अब लगभग 45 वर्ष बाद इन्हीं रिफ्यूजी परिवार को प्रशासन और जमींदार ने आपस में सांठगांठ कर जमीन से खाली करवाने को आतुर है। भाकपा माले बिहार सरकार के जुल्मी जमींदार और एक जाति के लिए काम करने वाले भ्रष्ट मंत्री के जोर-जबरदस्ती को हरगीज बर्दाश्त नहीं करेगा । भाकपा-माले जिला सचिव उमेश कुमार, जिला स्थायी कमेटी सदस्य जीबछ पासवान, रामचन्द्र पासवान, सत्यनारायण महतो,प्रखंड सचिव प्रेमानंद सिंह, रामशंकर शक्सेना ,राम कुमार राय के अलावे वारिसनगर से महागठबंधन के पुर्व प्रत्याशी भाकपा-माले नेता फूलबाबू सिंह ने कहा कि बर्मा से विस्थापित रिफ्यूजी परिवार को सीलिंग से फालतू में तत्कालीन सरकार के द्वारा बसाया गया था । सभी परिवारों के पास बंदोबस्ती पर्चा भी दिया जा चुका है सभी परिवार समय-समय पर मालगुजारी रसीद भी कटाते आ रहे है ऐसे में जमीन पर से बेदखल करने का कोई भी सरकारी आदेश बेतुका है । भाकपा माले गरीब-विरोधी न्याय विरोध किसी भी प्रशासनिक कारवाई का खुलकर विरोध करेगा ।