सूर्यपुरा
आग की लपटों के हवाले कितना कुछ स्वाहा हो गया। बीते चार दिनों से लगातार प्रखंण्ड क्षेत्र के कई गांवों के बाधार में आग लगने से किसानों के फसल जलकर खाक हो गया। जिससे किसानों को बड़ा नुकसान हुआ है। ऐसे में प्रशासन के शख्त निर्देश के बाद भी कृषक गेहूं की डंठल जलाने से बाज नही आ रहे है। कृषक गेहूं की डंठल में गुपचुप तरीके से आग तो लगा दे रहे है परंतु उसकी निगरानी नहीं करते नतीजा आग धीरे-धीरे हवा की तेज झोंको के कारण बिकराल रूप लेकर मवेशियों का चारा फसल के अलावा गांव तक पहुंच लोगो को नुकसान पहुंचाया है। इतना बडा नुकसान होने के बाद भी किसानों में कब आएगी जागरूकता यह कहना मुश्किल लगने लगा है। फिलहाल आग उगलती मौसम और तेज गर्म हवा के बीच आग की लपटो मे अपनी गलती के कारण किसानों के अरमान जल रहे हैं। किसान अपने फसल के साथ कई सपने बुने रहते है कि फसल कटने के बाद उसे बेंच कर बिटिया की शादी करेंगे परंतु वे सपने आये दिन आग की लपटो मे स्वाहा हो जा रहे है। हालांकि घटना व नुकसान को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा खेतों में कृषकों को आग नहीं लगाने का सख्त निर्देश दिया गया है। वहीं कृषि वैज्ञानिको का मानना है कि खेतो मे आग लगाने से खेतो की मिटटी का उपरी सतह जल जाता है जिससे उसकी उर्वरा शक्त्ति प्रभावित होता है और उपज दर मे गिरावट आती है।