(बादल हुसैन)
मधुबनी,महिला शक्ति के प्रतिक मधुबनी मिथला पेंटिंग के मशहूर कलाकार दुलारी देवी को पदाह्मश्री से सम्मान से सम्मानित करने की घोषना हुई।अब अंर्तराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर कई संस्था ने दुलारी देवी को सम्मानि किया।
दुलारी देवी राज्य सरकार से भी सम्मानित हो चुकी है। युग्नु के लिए मिथिली में तैयार किये गए आधार पास्ट कार्यक्रम के मुख्य पुष्ठ के लिए इनके पेंटिंग चुनी गई है।
पटना में बिहार संघालय के उद्घाटन के मौके पर मुख्यमंंत्री नीतीश कुमार ने भी दुलारी देवी को विशेष तौर पर आमंत्रीत किया।वही कई बिदेशी पुस्तको में भी दुलारी के कला किरती के चर्चा है।
बिहार के मधुबनी जिले के राटी गांव के रहने वाली दुलारी देवी के जिवन काफी संघर्ष मे रहा है।दुलारी का जन्म अंत्रयन निर्धन परिवार में हुआ 12 वर्ष के उम्र में ही उनकी शादी हो गई ,7 साल सोसरार में बिताई फिर 6 महीने कि बेटी की अचानक मौत के बाद माईके आगई और यही रह रही है
दुलारी। देवी जिवन ज्ञापन के लिए गांव के ही मिथला पेंटिंग से ख्याती उपल्बध कलाकार करपुरी देवी के घर झारु पोछा का काम करने लगी और यही से दुलारी के जिपन के टर्निंग प्वाइंट बना।
आप को बतादे की पैरीत हो कर फुरसत के समय में दुलारी देवी अपने घर आंगन को माटी से पोत कर लकडी़ के कुची बनाकर कल्पना के आकरीती देने लगी साथ ही करपुरी देवी के साथ पाकर दुलारी ने मिथला पेंटिंग के क्षेत्र में अपना एक अलग पहचान बनाली।दुलारी ने अबतक 6 हजार से अधिक मिथला पेंटिंग बिबेध बिष्यो पर बना चुकी है।