मछरेहटा सीतापुर
धरती पर पर्यावरण को बचाने की दृष्टि से दुनिया के सभी देश जहां एक और चिंतित दिखाई पड़ रहे हैं वहीं भारत में भी अनेक योजनाओं के माध्यम से मानव जीवन को स्वस्थ एवं निरोगी रखने के लिए सरकार ने पर्यावरण को प्राथमिकता दी है इसके लिए भी अनेक उपाय भी किए जा रहे वन विभाग और पुलिस की उदासीनता के चलते लकड़ कट्टों के हौसले बुलंद होते दिखाई पड़ रहे चारों ओर फैली हरियाली धरती को बंजर बनाया जा रहा है ।
बताते चलें कि मछरेहटा क्षेत्र में लकड़ कट्टों के हौसल वन विभाग के कर्मचारियों की लापरवाही के कारण बुलंद हो चले है। 2 दिन पहले थाने से 6 किलोमीटर दूर ग्राम कन्दुवापुर में लगभग 8 पेड़ों पर आरा चला जिसकी सूचना विभाग के अधिकारियों तक पहुंची पुलिस की निष्क्रियता के चलते अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हो पाई फॉरेस्ट गार्ड विजयपाल से जब इस संबंध में बात की गई तो उन्होंने बताया कि मामला उच्चाधिकारियों तक पहुंच चुका है और जांच करने जा रहे हैं सवाल यह उठता है कि इसी प्रकार विगत 15 दिनों से क्षेत्र के कई इलाकों में जैसे ग्राम रमवापुर के पास 80 पेड़ों का परमिट होने के बावजूद लगभग 140 पेड़ काटे गए इसी प्रकार ग्राम सतेलिया में भी पेड़ों का कटान हुआ जिसकी जानकारी पुलिस को थी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई पेड़ कटते जा रहे हैं जिनकी जानकारी विभागीय कर्मचारियों और हल्के में तैनात पुलिस के सिपाहियों को भी है लेकिन जांच के नाम पर बस केवल खाना पूर्ति होती है कहीं मामला ज्यादा गंभीर हुआ तो लकड़कट्टो को थाने में बुलाकर रफा-दफा कर दिया जाता है यदि यही हाल रहा तो धीरे-धीरे धरती को बंजर होने से कैसे बचाया जा सकता है और फिर सरकार की योजनाएं या पर्यावरण संरक्षण को लेकर चल रहे अनेक कार्यक्रमों का क्या होगा इसकी कल्पना नहीं की जा सकती इस सम्बन्ध में जब क्षेत्रीय वनाधिकारीसे बात की गई तो उन्होंने बताया कि जांच हो रही है कार्यवाही की जा रही है।