भूपेंद्र नारायण मंड़ल विश्वविद्यालय परिषर में जनकवि रमाशंकर यादव विद्रोही जी का जन्मदिवस मनाया गया । कार्यक्रम का नेतृत्व करते हुए NSUI जिलाध्यक्ष निशांत यादव ने कहा कि जनकवि रमाशंकर यादव विद्रोही जी का जन्म उत्तरप्रदेश के सुल्तानपुर में हुआ था उन्होंने स्नातक करने बाद एलएलबी में नामांकन लिये लेकिन संसाधन के अभाव में एलएलबी की पढ़ाई पूरी नही कर पाए । जेनयू में उन्होंने अपना नामांकण हिंदी विभाग में करवाया लेकिन उसी समय एक बड़ा छात्र आंदोलन हुआ जिसमें विद्रोही जी बड़ी मजबूती भ्रष्ट प्रशाषन के खिलाफ जारी आंदोलन में शामिल हुए और जेल गए । जेनयू प्रशाषन ने आंदोलन में सम्मिलित होने के कारण उन्हें जेनयू से निष्काषित कर दिया लेकिन विद्रोही जी कभी कैंपस से बाहर नही निकले बल्कि ताउम्र वँहा के छात्रों का मार्गदर्शन अपनी कविता के जरिये करते रहे है शोषितों की आवाज को मुखर करते रहे । उन्होंने अपनी कविता को कभी कागजों पर नही लिखा लेकिन उनके प्रशंसकों ने उनकी कविताओं को पुस्तको में प्रकाशित करवाया । उन्होंने कहा कि विद्रोही जी जनता के कवि थे, बहुसंख्यक वंचितो और महिलाओं के साथ धर्म के नाम पर हो रहे शोषण के खिलाफ कविता के जरिये मनुवादियो माकूल जवाब दिया । उनके एक कविता” नई खेती ” ने उनको विश्वविख्यात बना दिया । कार्यक्रम में मुख्य रूप से प्रभात रंजन, प्रो श्यामवेद प्रसाद, प्रो शंकर मिश्रा, अंकेश राणा, राजू गोप, हिमांशु राज, अरमान अली, मल्लिक, सूर्यनारायण यादव, गुंजन यादव, कुणाल कुमार ,प्रभाष कुमार,रोशन कुमार राज, छोटू, सुमन, सोनू, दिनेश, जितेंद्र, गुड्डू, शशि, ऋषभ, प्रशांत यादव, सुनील कुमार, धीरज कुमार, अजय कुमार ।
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