मधुबनी/जयनगर
बादल हुसैन
राज्य मे सत्तारूढ राष्ट्रिय जनतांत्रिक गठबंधन के स्थानीय नेताओ एवं जयनगर के अपर थानाध्यक्ष एस एन सारंग के बीच बीते क ई दिनो से चल रहा विवाद अब कानूनी पेंच मे फंसता दिख रहा है।अपर थानाध्यक्ष के विरूद्ध कारवाई की मांग को लेकर बीते 6 जून को स्थानीय पटनागद्दी चौक पर धरना देने वाले राजग संधर्षमोर्चा के संयोजक,जद(यू)नेता एवं जयनगर नगर पंचायत के मुख्यपार्षद कैलाश पासवान समेत 7 नामजद तथा 100 अज्ञात लोगो के विरुद्ध स्थानीय थाना मे प्राथमिकी दर्ज किया गया है।अंचलाधिकारी संतोषकुमार के द्वारा दर्ज कराये गये उक्त प्राथमिकी (कांडसंख्या 216/20 धारा 188,353,347)मे धरनार्थियो पर बगैर अनुमति लौकडाउन के उल्लंधन के आरोप लगाये गये है।प्राथमिकी मे कैलाश पासवान के साथ चन्द्रवीरसिंह,सुरजमहासेठ,डब्बुसिंह, लोजपा नेता प्रदीप पासवान,पूर्व जद(यु)अध्यक्ष रामविनोद सिंह,भाजपा के प्रखण्ड अध्यक्ष किसुन सहनी एंव भाजपा के बरिष्ठ नेता उद्धव कुंवर आरोपित किये गये है। धरना के करीब 3 सप्ताह बाद दर्ज कराये गये प्राथमिकी मे अंचलाधिकारी ने उल्लेख किया है कि विभागीय कार्यो मे व्यस्तता के कारण इसमे विलम्ब हुआ है। हलांकि अंचलाधिकारी के द्वारा दर्ज कराये गये इस प्राथमिकी मे अन्य त्रूटि भी देखने को मिल रहा है ।मसलन इसमे जद (यु)के पूर्व प्रखण्ड अध्यक्ष रामविनोदसिंह को नामजद किया गया है।जबकी एक अरसे से बीमार चल रहे श्रीसिंह का कहना है कि वो इसमे शामिल तक नही हुये।इस मामले मे इससे भी बडी़ चूक कतिपय बडे़ नामो को छोड़ देने की है।बताया जाता है कि इस धरना मे खजौली के पुर्व भाजपा विधायक अरुणशंकरप्रसाद ,विधान पार्षद विनोदसिंह समेत क ई लोग न सिर्फ शामिल हुये बल्की धरनार्थियो को संबोधित भी किया था।प्राथमिकी मे इन बडे़ नामो को शामिल नही करने पर लोग इसे जानबुझकर किया गया चूक मानते है।लोगो का मानना है कि प्रशासन पचडे़ से बंचने के लिये जानबुझ कर बडे़ लोगो को शामिल करने से परहेज करते हुये स्थानीय प्रभावशाली क्षत्रपो को टारगेट कर रही है ।ज्ञातव्य हो कि इलाके मे बढ़ रहे अपराध एवं अपर थानाध्यक्ष के तथाकथित अवांछित कृत्यो के विरोध मे राजग समर्थक आन्दोलनरत है।बीते दिनो जयनगर मे हुये मुख्यमंत्री नीतीशकुमार के निरीक्षण कार्यक्रम मे भी राजग समर्थको ने यह मुद्दा उठाया था।राजग समर्थको को इस बात का मलाल है कि अपनी सरकार मे भी उनकी मांगो को उचित तवज्जो नही मिल रहा है।जबकी प्राथमिकी दर्ज होने से मुश्किले बढ गयी है।पुलिस के एक सक्षम अधिकारी ने बताया कि प्राथमिकी मे नाम रहना अथवा छूटना कोई मुद्दा नही है।मामले के अनुसंधान एवं पर्यवेक्षण मे स्थिति स्पष्ट हो जायेगा ।