सासाराम
रोहतास जिला के जमुहार स्थित नारायण कृषि विज्ञान संस्थान के कृषि वैज्ञानिकों द्वारा धान की नई किस्मों का जिले में उत्पादन को ले शोध प्रारंभ हो चुका है। इसे ले संस्थान में धान की नर्सरी रेज बेड विधि से लगाई जा रही है।
संस्थान के निदेशक डॉ. रामप्रताप सिंह ने बताया कि इस विधि से धान की नर्सरी डालने से किसान कम पानी व कम बीज से अधिक स्वस्थ व अधिक ओज वाले पौध तैयार कर धान की उत्पादकता एवं अपनी आय बढ़ा सकते हैं। निदेशक के दिशा निर्देश में धान की 11 अलग-अलग किस्में जिसमें स्वर्णा सब वन, सांबा मंसूरी सब वन, एचयूआर 36, एचयूआर 1309, एचयूआर 1320, एचयूआर 917, एचयूआर 105, एचयूआर 43, एचयूआर 1304, काला नमक व बौना काला नमक लगाई गई है जो कि क्षेत्र के लिए बिल्कुल नई प्रजाति है। सहायक प्राध्यापक डॉ. प्रशांत विशेन ने अनुवांशिकी एवं पादप प्रजनन तथा प्रक्षेत्र अधीक्षक नीरज सिंह गौतम ने बताया कि क्षेत्र में इन किस्मों की उपज तथा गुणवत्ता का परीक्षण किया जाएगा, जिससे किसानों का उत्पादन एवं उत्पादकता दोनों को बढ़ाया जा सके। 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने को लेकर प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना चलाई जा रही है जिसे पूरा करने की दिशा में नारायण कृषि विज्ञान संस्थान अपना योगदान देने में अग्रणी भूमिका का निर्वहन कर रहा है।
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