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कोरोना जैसी महामारी में विद्यार्थियों के भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए किया गया विचार

रूबी कुमारी
आरा
भोजपुर जिला में पढ़ाई कर रहे छात्र तथा छात्राओं की भविष्य की चिंता जताते हुए भोजपुर जिला प्रशासन ने विद्यार्थियों की भविष्य सुरक्षित रखने के लिए गहरी चिंतन करते हुए विचार विमर्श प्रकट किए हैं बताते चलें कि राज्यपाल सह कुलाधिपति फागू चौहान के साथ वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो देवी तिवारी का वीडियो कान्फ्रेंसिंग हुआ। बैठक में कोरोना काल के दौरान विद्यार्थियों के भविष्य को कैसे सुरक्षित रखा जाए इसको लेकर कई बिन्दुओं पर चर्चा हुई। परीक्षा कैलेंडर एवं एकेडमिक कैलेंडर को सुदृढ़ तरीके से चलाने को लेकर दिशा-निर्देश दिया गया। मौखिक तौर पर कुलसचिव श्यामानंद झा ने बताया कि विद्यार्थियों के अनुपात में शिक्षकों की संख्या पर मंथन हुआ। जिस पर रेसलाइजेशन के जरिए विद्यार्थी एवं शिक्षक के अनुपात को सामान्य करने का आदेश दिया गया है। ट्रांसफर की बैठक बुलाकर इसको अमलीजामा पहनाने का कार्य किया जाएगा। जिन कॉलेजों में जिस विषय में विद्यार्थी की संख्या कम है, वहां के शिक्षक को दूसरे कॉलेज में जहां पर शिक्षक की कमी है स्थानांतरण करने का आदेश जारी किया जाएगा। ताकि विद्यार्थियों की पठन-पाठन की व्यवस्था को सुदृढ़ किया जा सके। मालूम हो कि वीडियो कान्फ्रेंसिंग में विश्वविद्यालय द्वारा एक रिपोर्ट पेश किया गया जिसमें भोजपुर, बक्सर, रोहतास एवं कैमूर जिले के विभिन्न कॉलेजों में शिक्षक के 861 पद सृजित बताया गया है। इसमें 437 शिक्षक विश्वविद्यालय के पीजी विभाग एवं विभिन्न कॉलेजों में कार्यरत है। वहीं 424 शिक्षकों का पद अभी रिक्त बताया गया है। जिस पर रेसलाइजेशन के जरिए कार्य लेने का सुझाव दिया गया है।
नैक की तैयारी को लेकर राजभवन ने मांगी रिपोर्ट
वीडियों कान्फ्रेंसिंग में वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के कार्यों की समीक्षा हुई। विश्वविद्यालय द्वारा नैक की दिशा में अब तक क्या तैयारी की गई है, इसका फीडबैक लिया गया। कुलसचिव ने बताया कि विश्वविद्यालय को नैक से बेहतर ग्रेडेशन दिलाने के लिए तैयारी की जा रही है। जल्द ही परिसर के सौंदर्यीकरण के लिए कैम्पस की रंग-पोताई की जाएगी। कैम्पस को हरा-भरा किया जाने के लिए पहले की अपेक्षा और ज्यादा तैयारी की जाएगी। गौरतलब हो कि विश्वविद्यालय नैक के नाम पर करोड़ों रूपया पानी की तरह बहाया चुका है। लगभग सात वर्षों से विश्वविद्यालय प्रबंधन नैक से मान्यता दिलाने के लिए तैयारी कर रहा है। इसके बावजूद विश्वविद्यालय को अभी तक कामयाबी नहीं मिली है। नैक के नाम पर एमबीए, शिक्षा (बीएड) विभाग एवं पीजी विभागों में लगभग एक करोड़ 25 लाख रुपए की किताब की खरीददारी की गई है। विज्ञान भवन में आठ स्मार्ट क्लास बनाएं गए। जिसको प्रोजेक्टर से लैस किया गया है। प्रति क्लास को बनाने में आठ-दस लाख रुपए का खर्च का अनुमान बताया जाता है। इसके लिए विश्वविद्यालय स्तर पर तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
इंटरव्यू पास शिक्षकों को कराया जाएगा बहाल
आरा | वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय में पठन-पाठन की व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए जल्द ही गेस्ट टीचर को बहाल कराया जाएगा। ताकि विद्यार्थियों एवं शिक्षकों की विषय अवस्था को दूर किया जा सके। कुलसचिव ने बताया कि जिन विषयों का इंटरव्यू पूरा हो चुका है। वैसे शिक्षकों का योगदान कराया जाएगा। रोस्टर क्लियर को लेकर मामला फंसा हुआ है। 15 जून को पटना में लेबर कमीशन के साथ बैठक होने वाली है। जिसमें विश्वविद्यालय का प्रतिनिधि भी शामिल होगा। मालूम हो कि विश्वविद्यालय गेस्ट टीचर की बहाली के लिए 13 विषयों का इंटरव्यू ले चुका है। इनमें वाणिज्य, गणित, भौतिकी, रसायनशास्त्र, बॉटनी, जूलोलॉजी, दर्शनशास्त्र, प्राकृत, संस्कृत, एलएसडब्लू, अर्थशास्त्र, उर्दू एवं अंग्रेजी विषय शामिल है। हालांकि अंग्रेजी विषय में अभी कुछ आवेदकों का इंटरव्यू शेष रह गया है। इधर, 11 विषयों का इंटरव्यू की प्रक्रिया अभी शुरू नहीं हुई है।

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