सासाराम/बिहार
रोहतास जिला में हर तरफ अन्नदाता गम के सागर में डूब चुके हैं एक तरफ बरसात होने के चलते किसान अपने खेतों में गेहूं की फसल और सरसों में खाद डाल रहे हैं जो कि फसल को और अधिक मजबूती प्रदान हो वहीं दूसरी तरफ 2 दिन बरसात होने के बाद भी किसानों के खलिहान में आज भी पानी जमे हुए हैं तथा किसानों के खलिहान में रखे हुए धान पानी में पड़े हुए हैं कई ऐसे किसान हैं जो कि धान को बोरे में भर भरकर बचाने के प्रयास कर रहे हैं परंतु धान आज भी पानी में भिंगा पड़ा हुआ है किसानों की खोज खबर लेने के लिए किसी अधिकारियों के पास समय ही नहीं है बताते चलें कि कई ऐसे किसान हैं जो खलिहान में धान को हाथ से काटकर रखे हुए हैं जिसे मवेशियों की चारा के लिए पुआल की आवश्यकता है उनकी आवश्यकता भी लगता है पूरी नहीं होगी खलिहान में पानी लगने के कारण धान तथा पुआल दोनों सड़ने के कगार पर हैं वहीं कई किसान बताते हैं कि हम लोग तो आस लगाए बैठे हैं कि प्रखंड से कृषि पदाधिकारी आए तथा किसानों के लिए कुछ सहायता करें वही दिनारा प्रखंड के कृषि पदाधिकारी दिनेश सिंह क्या कहते हैं किसानों के लिए घर घर जाकर किसान सलाहकार फसल का जायजा ले रहे हैं तथा किसानों के लिए उचित मूल्य पर बीज देने का प्रावधान किया गया है कृषि पदाधिकारी ने बताया कि इतनी लंबी किसानों की सूची है कि जितनी चाहिए उतनी जल्दी पूरी नहीं हो पाती है फिर भी प्रयास किया जा रहा है कि हर किसानों के घर जाकर उनके क्षतिग्रस्त फसलों की जानकारी लेकर किसानों की छाती पूर्ति के लिए बिहार सरकार के पास भेज दिया जाए किंतु अभी भी किसान कहीं खुशी कहीं गम में डूबे हुए हैं एक तरफ बताते हैं किसान की बरसात होने से खेतों में खाद देने का तो काम कर रहे हैं जो कि सिंचाई बरसात के चलते हो चुका है किंतु उसी बरसात के चलते हैं खलिहान में जलजमाव हो चुका है जो कि काफी मात्रा में हाथ से कटा हुआ धन सड़ रहे हैं किस तरफ से धन को खलिहान से निकाला जाए समझ में नहीं आता है और किसान बताते हैं कि धन ऐसी हो गई है कि मनु चावल भी बनाना असंभव सा लगता है।