डेहरी
श्रीराम का जन्मोत्सव यानी श्रीरामनवमी का त्योहार धूमधाम के साथ मनाया गया। कोरोना संक्रमण के कारण सरकार द्वारा जारी गाइड लाइन के तहत सभी मंदिरों में पुजारियों ने ही पूजन किया। मंदिरों के पट भक्तों के लिए बंद रहे। भक्तगण अपने अपने घर में रामलला का पूजन किए। शहर में रामनवमी का जुलूस नहीं निकला।
कहा जाता है कि चैत्र शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को रानी कौशल्या ने राम को, कैकेयी ने भरत को और सुमित्रा ने लक्ष्मण और शत्रुघ्न को जन्म दिया था। तभी से चैत्र शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को रामनवमी मनाने की परंपरा शुरू हुई। हालांकि चैत्र नवरात्रि पर देवी के नौवें स्वरूप सिद्धिदात्री की पूजा की गई। कई घरों में शीतला माता का भी पूजन अहले सुबह में किया गया।