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बिहाररोहताससासाराम

न झुके न माफी मांगे वन की रक्षा में शहीद हुए थे डीएफओ संजय सिंह

सासाराम संवाददाता अभिषेक सिंह

भारतीय वन सेवा के अधिकारी रहे तत्कालीन शाहाबाद वन प्रमंडल के डीएफओ संजय सिंह की शहादत को 19 साल बीत गए हैं. लेकिन ये जांबाज अधिकारी आ‍ज भी अधिकारियों और कर्मचारियों समेत क्षेत्र की जनता के हृदय में हैं. शाहाबाद के वन प्रमंडल रहे संजय सिंह ने अपनी कार्य कुशलता की बदौलत कैमूर पहाड़ी के जंगल व पहाड़ी की कीमत लोगों को समझाई. वे पत्थर व जंगल माफिया के कट्टर दुश्मन माने जाते थे. पत्थर माफिया और जंगल में उत्पात मचाने वाले नक्सलियों के दबाव के आगे नहीं झुके. कर्तव्य पथ से कभी विचलित नहीं हुए. ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा से कभी समझौता नहीं किया. यही वजह है कि शहादत के 19 वर्ष बाद भी डीएफओ संजय सिंह की कुर्बानी कर्मवीरों के लिए प्रेरणास्रोत बनी हुई है 15 फरवरी 2002 को रोहतास जिले के नौहट्टा प्रखंड के कैमूर पहाड़ी पर बसे रेहल गांव में नक्सलियों ने उनकी हत्या कर दी थी उनमें से आज तक आधा दर्जन को कोर्ट में सजा मिल चुकी है अन्य सभी ट्रायल सामना कर रहे हैं यही वजह है कि ड्यूटी के दौरान शहीद हुए संजय सिंह कैमूर पहाड़ी पर बसे वनवासियों के बीच आज भी आदर से याद किए जाते हैं उनकी 19वीं पुण्यतिथि समर्पण दिवस के रूप में विभागीय कार्यालय से लेकर शिक्षण संस्थानों में मनाई जा रही है घटना के वक्त रेहल गांव के लोगों ने डीएफओ को बचाने की पूरी कोशिश की इसमें महिलाएं सबसे आगे रहे उन्हें बचाने के लिए कुछ समय तक महिलाओं ने नक्सलियों से लोहा भी लिया था लेकिन संजय सिंह के कहने पर उन्हें अपना पांव पीछे खींचना पड़ा था ग्रामीण उसी दिन को जब भी याद करते हैं तो उनकी आंखें भर आती है अरे हल्की कई महिलाएं बताती है कि हम सभी ग्रामीण संजय सिंह की जिंदगी की भीख नक्सलियों से मांगते रहे उनका पीछा भी किया और उन्होंने हमारी एक नहीं सुनी गांव की दर्जन भर महिलाओं ने उनसे लोहा लिया जिससे क्रोधित नक्सलियों ने बेल्ट व डंडे से उनकी पिटाई भी की जिस जगह पर साहब की हत्या हुई वह सहादत अस्थल हमारे लिए पूजनीय है कर्तव्य के आगे उन्होंने नक्सलियों से भी हार नहीं मानी थी शायद यही वजह थी कि हत्या की खबर मिलते ही हर कोई हैरान होगा लगभग एक सप्ताह तक धरना प्रदर्शन का सिलसिला चलता रहा नक्सलियों ने डीएफओ की हत्या तो की ही रेल में स्थापित वन विभाग के रेंज ऑफिस तथा गेस्ट हाउस को भी नहीं छोड़ा था उसे भी विस्फोट कर उड़ा दिया था रोहतास बीएफ प्रदुमन गौरव कहते हैं कि शहीद डीएफओ संजय सिंह हम सब के लिए हमेशा प्रेरणा स्रोत हैं और रहेंगे उनकी कुर्बानी हम सबको सदैव अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ने का संदेश देती है उनके द्वारा जो भी कार्य प्रारंभ किए गए हैं उसे आज भी जारी रखा गया है

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