करगहर–गर्मी की तपिश बढ़ने के साथ ही करगहर प्रखंड के कई गांवों का ताल -तलैया सूखने लगे है जिसके चलते कई गाँवों का पानी का लेयर नीचे जाने की वजह से कई गाँवों का चापाकल पानी देना बंद कर दिया है।एक तरफ कोरोना वायरस को लेकर सभी लोग भुखमरी से जूझ रहे हैं। इस समय अपना भोजन की सामग्री जुटाने में परेशान हैं किसी तरह वह अपना जीविकापार्जन कर रहे हैं।अब सबसे बड़ी आफत पानी को लेकर हो गई है।
करगहर सहित कई गाँवों का ताल-तलैया सूखने से पानी का लेयर नीचे चलें जाने से कई गाँवों का चापाकलों बंद हो गई कई बंद होने के कगार पर है जिसके चलते आए प्रतिदिन कुछ ना कुछ चापाकल बंद हो रहा है।चापाकल बंद होने के चलते लोगों दुसरे मुहल्ले से पानी ढोकर ला रहें है।ग्रामीणों का कहना है कि इस समय हर तरह से हम गरीब परिवारों पर संकट का पहाड़ टुट पड़ा है।जहाँ लॉकडाउन से दो माह से हम लोगों का रोजगार बंद है किसी तरफ अपना जीविकोपार्जन कर रहे है अब और एक बड़ी समस्या उत्पन्न हो गई ,कि आए दिन चापाकल भी पानी देना बंद कर दिया। पहले भोजन कि समस्या थी अब उसे बड़ी पानी की समस्या हो गई कि पानी का बिना कुछ नही होनेवाला है।रोज चापाकल बंद हो रहा है।चापाकल बंद होने से दुसरे जगह व मुहल्ले से पानी के लिए जाने में परेशानी हो रही है। और उस मुहल्ले लोग कोरोना वायरस संक्रमण के डर से पानी लेने से मानाकर कर रहे है।जिस वजह से हमलोगों को और परेशानी उठानी पड़ रही है।ग्रामीण संदीप कुमार ,असरफ अंसारी ने कहा कि शुरुआती गर्मी में ही गांव के दस प्रतिशत चापाकल बंद हो गयें ,बचें हुए चापाकल पानी कम दे रहा हैं।जिसके चलते चल रही एक दुका सरकारी चापाकलों पर पानी के लिए लम्बी लाइन लग जा रही है।घरों में स्नान करना और बाथरूम जाने पर भी पानी के बिना आफत नजर आ रही है।अभी तक इस पर पीएचईडी विभाग ने नही ली सुधी।गहरा रहे जलसंकट से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।वीआईपी के युवा नेता इंजीनियर विवेक सिंह कुशवाहा ने कहा कि लगातार चापाकल का लेयर नीचे चले जाने से लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है।अभी तक पीएचईडी विभाग के द्वारा कोई सुधि भी नही ली गई।जिससे आम गरीब जनता को जलसंकट का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने ने कहा कि कई गांव के कई वार्डों में नलजल योजना का कार्य अभी पुरा नही हुआ है अधूरा पड़ा है।