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लंबे लॉकडाउन ने फूलों की महक फीकी कर डाली फूल की खेती करने वाले किसानों की डूब रही पूंजी

रंजन कुमार ब्यूरो चीफ शेखपुरा

कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए लागू किये गये लॉकडाउन ने रोजगार-धंधे के साथ खेती-बाड़ी पर भी बुरा असर डाला है। लॉकडाउन की वजह से जिला के किसानों को भारी नुकसान सहना पड़ रहा है। यह नुकसान नगदी या कहें व्यावसायिक फसलों की खेती वालों किसानों को अधिक सहना पड़ रहा है। जिला में प्याज तथा पान की खेती को भारी नुकसान पहुंचाने के बाद लॉकडाउन ने अब जिला में फूलों की महक को भी फीकी कर रहा है। यहां हम जिला के बसंत गांव के उन किसानों को दुर्दशा बताने का प्रयास कर रहे हैं,जो फूलों की खेती शुरू की है। जिला मुख्यालय से 8 किमी दूर शेखपुरा-जमुई एनएच 333 ए पर बसा गांव बसंत। पहले से पत्थर तथा प्याज के कारोबार व खेती में शुमार शेखपुरा जिला की पहचान में नया तगमा लगाने के लिए बसंत गांव के कुछ प्रगतिशील किसानों ने गेंदा फूल की खेती शुरू की थी। मगर पुरानी कहवात है न- सिर मुड़ाते ओले पड़े। यही कहावत बसंत के इन किसानों पर सच साबित हो रही है। गांव के किसानों के लिए लॉकडाउन विलेन बनकर सामने खड़ा हो गया। गेंदा फूल की खेती करने वाले किसान संतोष प्रसाद तथा सुनील कुमार ने बताया पिछले साल से यहां फूल की खेती शुरू हुई है। पिछले साल फूल की खेती से अच्छी आमदनी हुई तो इस साल कई और किसानों ने भी बसंत गांव में गेंदा फूल की खेती की। मगर लॉकडाउन फूलों की खेती को बर्बाद कर रहा है। किसानों ने बताया लॉकडाउन के वजह से फूलों की बिक्री ठप है। पहले ये फूल शेखपुरा सिकंदरा जमुई तथा अन्य छोटे बाज़ारों में बिक जाते थे। लॉकडाउन की वजह से इस बार फूल खेतों में ही बर्बाद हो रहे है। इस मामले में कृषि विभाग की क्या राहत दे सकता है।

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