बच्चों को जान बचाने में प्रखंड एवं जिला प्रशासन द्वारा नहीं छोड़ी गई कोई कसर
गौनाहा / प्रखंड अवस्थित रा, उ, कन्या मध्य विद्यालय के 43 बच्चो द्वारा मंगलवार को शाम करीब 4: 00 बजे संक्रमित बंगडेर वृक्ष के विषैले फल को खाने से स्थिति इतनी बिगड़ गई के एक के बाद एक करके सभी बच्चों की हालत बिगड़ती गई । अभिभावक एवं विद्यालय प्रशासन द्वारा जैसे तैसे बच्चों को गौनाहा स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया गया । जहां मौके से उपस्थित चिकित्सा पदाधिकारी अवधेश कुमार सिंह ने हॉस्पिटल के सभी डॉक्टर टीम के सहयोग से बच्चों का उपचार करना प्रारंभ किए । इस घटना की खबर पाते ही वीडियो हरी मोहन कुमार सीओ राजीव रंजन श्रीवास्तव थानाध्यक्ष रामगुलाम यादव हॉस्पिटल पहुंचे । तथा लगातार बच्चों की इलाज एवं उनकी स्थिति पर नजर रखते हुए अभिभावकों को धैर्य रखने कि अपील करते रहें। इस घटना की खबर पर जिला पुलिस कप्तान निताशा गुड़िया ने त्वरित कार्रवाई करते हुए अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी एवं सीमा सुरक्षा बलों को भी किसी प्रकार से बच्चों की स्थिति बिगड़ने पर उचित सहयोग एवं उत्तम उपचार के लिए तत्पर रहने का आदेश देते हुए सबको अलर्ट किए। करीब 4 से 5 घंटा उपचार के बाद बच्चों की स्थिति में कुछ सुधार नजर आने लगा करीब 9: 00 बजे रात्रि के आसपास सभी बच्चे कुशल पूर्वक अभिभावकों को सौंप दिया गया। बीमार बच्चों में नजमा खातून, तमन्ना, नगमा, प्रीति कुमारी, सुनीता, राधिका, रुखसार, खातून, यासमीन, आशियाना, मिथिलेश कुमार, जूली, राजकुमार, मंजू , सोनाली आदि शामिल थे। वीडियो हरी मोहन कुमार ने बताया कि बच्चों से इस फल को खाने का कारण पूछा गया तो बच्चों ने बताया कि इसका बीज काजू के सवाद जैसे लगने के कारण हम लोगों ने खाने का फल समझकर खा लिया। जबकि कुछ स्थानीय लोगों ने बताया कि इस पौधे का नाम गांव देहात में बंगडेर बकलेड के नाम से प्रसिद्ध है। इस पौधे का रस कई औषधीय गुणों के लिए भी जाना जाता है। इस पौधे के पत्तों को तोड़ने पर इसमें दूधिया रस निकलता है जिसे औषधि के रूप में कई रोगों के लिए प्रयोग किया जाता हैं।