चेनारी/रोहतास
जिंदगी की जंग जीत अपनी धरती पर पहुंचे लोगों ने धरती को नमन किया। कल तक कहते थे कि बिहार में क्या है? लेकिन कोरोना वायरस का खेल शुरू हुआ तो अपनी धरती ने ही आश्रय दिया। जिला प्रशासन द्वारा लगाए गए जांच शिविर में गया जिले के डोभी थाना के कुशा गांव के मजदूर नंदकिशोर यादव सहित कई लोगों ने यह बातें कही।
उनके जत्थे में कुल 18 लोग हैं जो राजस्थान के जयपुर के मानसरोवर में रहते थे। 1160 किलोमीटर पैदल चल भरतपुर पहुंचे। वहां से ट्रक से यूपी के आगरा आए। यूपी पुलिस ने बिना भेदभाव किए कैंप में खाना खिलाया, रुपए पैसे भी पूछा गया। पैसे की किल्लत बताने पर वाहन में बिठाकर सासाराम भेज दिया। कई अन्य लोगों ने बताया कि राजस्थान के जयपुर से दूर मानसरोवर में पलदारी का काम करते हैं। मसाला फैक्ट्री में 6000 रूपए पर काम करती हैं। होली में घर आए थे 14 मार्च को पहुंचे थे जो कमाए थे वहां जाने के बाद समाप्त हो गया। रोटी के मुहजात हो गए। उनके साथ रमेश मांझी, बिंदा मांझी, दिनेश मांझी बाराचट्टी गया जिले के रहने वाले थे। कई गया के आसपास के जिला के थे। जिन्हें एसडीओ व बीडीओ ने राहत शिविर में भोजन करा उनकी जांच करायी।