हाईकोर्ट पटना से
समान काम समान वेतन को लेकर शिक्षकों द्वारा चल रहे हड़ताल के बीच पटना हाईकोर्ट से एक बड़ी खबर आई है. पटना हाईकोर्ट ने सीवान के कुमार सौरव एवं अन्य द्वारा दायर याचिका CWJC 2087/2020 में यह आदेश पारित किया है कि बिहार सरकार सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का लेटर एंड स्पिरिट में पालन करते हुए नियोजित शिक्षकों की सेवा शर्त 4 माह के अंदर बनाए. इससे सरकार और शिक्षकों के बीच गतिरोध समाप्त होने का रास्ता खुल गया है.
बिहार के सवा लाख टीईटी शिक्षक पूर्व से ही मांग कर रहे हैं कि समान काम समान वेतन के फैसले में सुप्रीम कोर्ट के द्वारा दिए गए निर्देशों का सरकार अनुपालन करें. अब पटना हाई कोर्ट के द्वारा भी इस फैसले में पारित आदेश से उनके मांग को मजबूती मिली है. टीईटी शिक्षक संघ के प्रदेश संयोजक अमित विक्रम ने बताया कि कुमार सौरभ, पुरुषोत्तम सिंह सहित हमारे कुछ साथियों ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों को लागू करवाने हेतु हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी जिस पर 19 फरवरी को अंतिम बहस हुई थी.
22 फरवरी को हाईकोर्ट का जजमेंट अपलोड हुआ जिसमें स्पष्ट तौर पर हाईकोर्ट के जज अनिल उपाध्याय ने बिहार सरकार को यह आदेश दिया है कि सरकार सुप्रीम कोर्ट के द्वारा दिए गए निर्देशों को लेटर एंड स्पिरिट में पालन करे और 4 माह के अंदर नियोजित शिक्षकों की सेवा शर्त एवं नियमावली तय करे. सुप्रीम कोर्ट ने समान काम समान वेतन मामले में दिए अपने फैसले के पारा 78 एवं 80 में सरकार को यह निर्देश दिया था कि टीईटी परीक्षा पास शिक्षकों को एक्सपर्ट टीचर मानते हुए बेहतर वेतनमान दे एवं जो शिक्षक टीईटी परीक्षा पास नहीं हैं उन्हें 20 प्रतिशत की वेतन वृद्धि दे।